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T20 world cup में जब यादगार प्रदर्शन कर खिलाड़ियों ने जमकर लूटी वाहवाही, पिछले छह सीजन के खास पल

T20 world cup 2021 पिछले छह टी20 वर्ल्ड कप में किसी ने किसी खिलाड़ी ने अपने खास प्रदर्शन से उस सीजन को यादगार बना दिया था। इनमें युवराज सिंह विराट कोहली उमर गुल माइक हसी जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:16 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:53 PM (IST)
T20 world cup में जब यादगार प्रदर्शन कर खिलाड़ियों ने जमकर लूटी वाहवाही, पिछले छह सीजन के खास पल
युवी ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप में 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाए थे (एपी फोटो)

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। आइसीसी पुरुष टी-20 विश्व कप के सातवें संस्करण का आगाज रविवार को हो चुका है। अभी तो पूरा विश्व कप बाकी है और ऐसे में यह उम्मीद लगाना सहज होगा कि टूर्नामेंट में एक से एक बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिलेंगे। आइए एक नजर डालते हैं अब तक हुए टी-20 विश्व कप के प्रत्येक संस्करण के उन व्यक्तिगत यादगार प्रदर्शनों पर, जिन पर खिलाड़ियों ने प्रशंसकों की जमकर वाहवाही लूटी। 

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2007, युवराज सिंह

आइसीसी पुरुष टी-20 विश्व कप के पहले संस्करण में ही कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिले। वेस्टइंडीज के क्रिस गेल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सनसनीखेज 117 रन की पारी खेलकर टी-20 अंतरराष्ट्रीय में शतक लगाने वाले पहले व्यक्ति बने, लेकिन 2007 का टूर्नामेंट युवराज सिंह के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। युवराज ने सुपर-8 में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्राड के एक ओवर में छह छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था। इस दौरान उन्होंने सबसे तेज अर्धशतक (12 गेंदों में) का रिकार्ड भी बनाया। इसके बाद युवराज ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की सेमीफाइनल की जीत में भी एक और धमाकेदार पारी खेलते हुए सिर्फ 30 गेंदों में 70 रन बनाए थे। इस साल भारत ने खिताब जीता था। 

2009, उमर गुल

गेंदबाजों को अक्सर टी-20 प्रारूप में नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि बड़े शाट की चाह हावी होती है, लेकिन 2009 के संस्करण में टूर्नामेंट के इतिहास में दो सबसे अच्छे स्पैल देखने को मिले। एंजेलो मैथ्यूज ने श्रीलंका की सेमीफाइनल में जीत में सबसे यादगार शुरुआती ओवरों में से एक डाला। इस ओवर में उन्होंने जेवियर मार्शल, लेंडल सिमंस और ड्वेन ब्रावो के विकेट लेकर वेस्टइंडीज का स्कोर एक रन पर तीन विकेट कर दिया। लेकिन, मैथ्यूज के कारनामे से पहले सुपर-8 मुकाबले में पाकिस्तान के उमर गुल ने न्यूजीलैंड के मध्यक्रम को तोड़ते हुए तीन ओवर में छह रन देकर पांच विकेट लिए। वह टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में पांच विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने। 

2010, माइक हसी

इंग्लैंड 2010 में पहली बार आइसीसी टी-20 विश्व कप के चैंपियन का ताज पहना, लेकिन उस वर्ष का सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तिगत प्रदर्शन वास्तव में माइक हसी ने किया था। पाकिस्तान के साथ सेंट लूसिया में अपने सेमीफाइनल मुकाबले में जीत के लिए 192 रनों का पीछा करते हुए आस्ट्रेलिया का अभियान हसी के क्रीज पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा था। हसी उस समय क्रीज पर आए जब स्कोर पांच विकेट पर 105 रन था और उनकी टीम को 45 गेंदों पर 87 रन की जरूरत थी। ऐसे में उन्होंने सिर्फ 24 गेंदों में नाबाद 60 रनों की अविश्वसनीय पारी खेलकर आस्ट्रेलिया को यादगार जीत दिलाई। 

2012, अजंता मेंडिस

2012 में मेजबान श्रीलंका खिताब से चूक गया, लेकिन उसके स्पिनर अजंता मेंडिस ने जिंबाब्वे के खिलाफ अपने ग्रुप मैच में यादगार प्रदर्शन किया। उन्होंने चार ओवर के स्पैल में सिर्फ आठ रन देकर छह विकेट लिए। इस रहस्यमयी स्पिनर ने इस दौरान दो मेडन ओवर भी फेंके और उन्होंने टूर्नामेंट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़ों के साथ अपना नाम दर्ज कराया। 

2014, विराट कोहली

श्रीलंका का चैंपियन बनने का इंतजार 2014 में खत्म हुआ, लेकिन उस संस्करण का सबसे शानदार प्रदर्शन विराट कोहली ने किया। उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाए, लेकिन भारत को खिताबी मुकाबले में श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा। मैन आफ द टूर्नामेंट चुने गए कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में डेल स्टेन एंड कंपनी के खिलाफ 173 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए तब मास्टरक्लास बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया जब उसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। कोहली ने 44 गेंदों में नाबाद 72 रन बनाते हुए चार पारियों में अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया, जिसमें विजयी रन भी शामिल था। भारत ने पांच गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया। 

2016, कार्लोस ब्रेथवेट

2016 के टूर्नामेंट को फाइनल में कार्लोस ब्रेथवेट की साहसिक पारी के लिए हमेशा याद किया जाएगा और इसके साथ ही इयान बिशप की प्रतिष्ठित कमेंट्री के लिए, जिसमें उन्होंने कहा था, 'नाम याद रखें'। वेस्टइंडीज को ट्राफी जीतने के लिए अंतिम ओवर में 19 रन चाहिए थे और ब्रेथवेट ने बेन स्टोक्स की पहली चार गेंदों पर छक्के जड़कर अपनी टीम को खिताब जिताया। उन्होंने कुल 10 गेंदों में नाबाद 34 रन की पारी खेली।


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