कैसे की गयी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बॉल टेंपरिंग, जानिए पूरा प्लान
द. अफ्रीका ने 1 विकेट के नुकसान पर सौ रन की बढ़त बना ली थी। ऑस्ट्रेलिया पर मैच के साथ-साथ सीरीज हारने का भी संकट मंडरा रहा था।
नई दिल्ली, [रवीन्द्र प्रताप सिंह]। केपटाउन के न्यूलैंड्स में खेले जा रहे दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने बॉल टैम्परिंग की इस मामले में पूरी दुनिया में उनकी जमकर आलोचना हो रही है। जैसे ही बॉल टेंपरिंग का यह वीडियो लीक हुआ और बेनक्रॉफ्ट की हरकत कैमरे में कैद हुई वो सबकी नजरों में आ गये और धीरे धीरे सारी बातें अपने आप ही परत दर परत खुलने लगीं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ ने तुरंत ही एक प्रेस कांफ्रेस की और इसके दौरान उन्होंने यह बात स्वीकार की कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सीरीज के तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को धोखा देने का प्लान बनाया था। तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन लंच ब्रेक तक दक्षिण अफ्रीका धीरे-धीरे मैच पर अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया पर मैच के साथ-साथ सीरीज हारने का भी संकट मंडरा रहा था।
दक्षिण अफ्रीका इस मैच के तीसरे दिन एक विकेट के नुकसान पर 100 रन से बढ़त बना ली थी। ऑस्ट्रेलियाइ गेंदबाज विकेट निकालने की पूरी कोशिश में लगे हुए थे लेकिन उनके गेंदबाजों की कोई भी रणनीति दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों पर कारगर नहीं रही चूंकि 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों टीमें एक-एक से बराबरी पर थीं, इसलिए दोनों टीमों के लिए सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच जीतना बहुत ही आवश्यक था।
स्मिथ और वरिष्ठ खिलाड़ियों ने बनायी योजना
बॉल टेंपरिंग की योजना कप्तान स्टीव स्मिथ और कई अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों ने बनायी। इस योजना के मुताबिक जब खेल शुरू होगा तो वे गेंद के साथ छेड़छाड़ करेंगे, जिससे कि गेंद रिवर्स स्विंग हो और ऑस्ट्रेलियाइ गेंदबाजों को इससे मदद मिल सके। लंच ब्रेक से पहले ऑस्ट्रेलियाइ गेंदबाज विकेट के लिए संघर्ष कर रहे थे। मीडिया के सामने कप्तान स्टीव स्मिथ ने खुलासा किया कि टीम के खिलाड़ियों ने यह योजना बनायी थी इस योजना के बारे में किसी भी कोचिंग स्टाफ को जानकारी नहीं थी।
बेनक्रॉफ्ट को टेंपरिंग के लिये चुना गया
स्मिथ ने बताया कि, बॉल टैम्परिंग के लिए हमने कैमरून बेनक्रॉफ्ट को चुना गया क्योंकि जब हम ड्रेसिंग रूम में यह योजना बना रहे थे तब बेनक्रॉफ्ट वहां मौजूद थे। ये बात मीडिया के सामने बेनक्रॉफ्ट भी स्वीकार कर चुके हैं। हालांकि इस दौरान बेनक्रॉफ्ट ने बताया कि उनपर इस काम के लिये किसी प्रकार का दबाव नहीं डाला गया। वो एक पीले रंग का सेलो टेप लेकर मैदान में उतरे थे।
क्या थी बॉल टेंपरिंग की योजना
बेनक्रॉफ्ट ने बताया कि पीले टेप के गोंद वाले हिस्से को गेंद पर लगाएंगे जिसके चलते इस गेंद पर मिट्टी चिपक जाएगी। इस मिट्टी वाले हिस्से को रगड़कर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी गेंद को एक तरफ से पुराना करते और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को इस गेंद से रिवर्स स्विंग मिल जाती जिसके बाद उन्हें आसानी से विकेट भी मिलने लगते और टेस्ट निर्णायक स्थिति में पहुंच जाता।
योजना में सफल नहीं हो सके बेनक्रॉफ्ट
बेनक्रॉफ्ट अपनी योजना में सफल तो हो जाते लेकिन उसके पहले ही उनकी गतिवधि पर अंपायर को शक हुआ। जैसे ही मैदान पर खड़े अंपायर बैनक्रॉफ्ट की ओर बढ़े तो उन्होंने उस पीली टेप को जल्दी से अपनी पैंट में डाल दिया। ठीक उसी दौरान उनकी यह हरकत कैमरे में कैद हो गई जिसने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के इस प्लान को फेल कर दिया।