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सिर फूटा, जबड़ा टूटा 6 टांके लगे और फिर इस भारतीय बल्लेबाज ने बजाया गेंदबाजों का बैंड

भारतीय टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी हुआ है जो दुनिया में अपनी बहादुरी के लिए जाना पहचाना गया। जबड़ा टूटने के बाद 6 टांके लगे फिर भी इस खिलाड़ी ने बल्लेबाजी की।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 03:04 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 03:04 PM (IST)
सिर फूटा, जबड़ा टूटा 6 टांके लगे और फिर इस भारतीय बल्लेबाज ने बजाया गेंदबाजों का बैंड
सिर फूटा, जबड़ा टूटा 6 टांके लगे और फिर इस भारतीय बल्लेबाज ने बजाया गेंदबाजों का बैंड

नई दिल्ली, विकाश गौड़। Happy Birthday Mohinder Amarnath: भारतीय टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी हुआ है जो दुनिया में अपनी बहादुरी के लिए जाना पहचाना गया। जबड़ा टूटने के बाद 6 टांके लगे फिर भी इस खिलाड़ी ने बल्लेबाजी की और गेंदबाजों की बैंड बजा की रख दी। ये खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि अपने पिता लाला अमरनाथ की विरासत को आगे बढ़ाने वाले भारतीय खिलाड़ी मोहिंदर अमरनाथ हैं।

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24 सितंबर 1950 को पंजाब के पटियाला में जन्मे मोहिंदर अमरनाथ के पिता लाला अमरनाथ भी भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके थे। लाला अमरनाथ भारत के ऐसे खिलाड़ी थी, जिन्होंने सबसे पहले टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ा था। नानिक अमरनाथ भारद्वाज के नाम से जाने-जाने वाले लाला अमरनाथ आजाद भारत के पहले कप्तान बने थे। 

आगे बढ़ाई पिता की विरासत

पिता की क्रिकेट की विरासत को आगे बढ़ाते हुए मोहिंदर अमरनाथ ने भी साल 1969 में भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू किया। 20 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले मोहिंदर अमरनाथ ने बीच मैदान पर कई बार विपक्षी टीम के गेंदबाजों की जानलेवा गेंदों का सामना किया। इस दौरान उनका सिर फूटा और जबड़ा भी टूटा था, क्योंकि उस समय हेलमेट नहीं होता था। 

मोहिंदर अमरनाथ का सिर रिचर्ड हेडली ने फोड़ा था, जबकि वेस्टइंडीज के धाकड़ गेंदबाज रहे मैलकम मार्शल ने उनका जबड़ा(दांत) तोड़ दिया था। इसके अलावा पाकिस्तान के तेज गेंदबाज इमरान खान के बाउंसर से मोहिंदर अमरनाथ बेहोश हो गए थे, क्योंकि गेंद उनके सिर पर लगी थी। इतना ही नहीं, माइकल होल्डिंग की एक गेंद ने उन्हें अस्पताल भी भेज दिया था।

बन गए सबसे बहादुर खिलाड़ी

दाएं हाथ के बल्लेबाज मोहिंदर अमरनाथ को उस वाक्ये के लिए भी याद किया जाता है जब उनके जबड़े पर गेंद लगी थी और उनको छह टांके आए थे। बावजूद इसके वे बल्लेबाजी करने उतर गए और फिर गेंदबाजों का बैंड बजा दिया। मोहिंदर अमरनाथ आज यानी 24 सितंबर 2019 को 69 साल के हो गए हैं। मोहिंदर अमरनाथ ने भारतीय टीम को पहला विश्व कप भी जितवाया था। 

साल 1983 का विश्व कप शायद ही आज की युवा पीढ़ी को याद हो, लेकिन एक तस्वीर हम सबको याद है जिसमें 1983 की वर्ल्ड कप ट्रॉफी को हाथ में थामे टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव हैं। इस तस्वीर में कपिल देव के साथ जो शख्स शैंपेन की बोतल लिए लॉर्ड्स की बालकनी में खड़ा है, वो उस विश्व कप और भारतीय टीम का हीरो है।

जी हां, ये मोहिंदर अमरनाथ हैं, जिन्होंने सेमीफाइनल और फिर फाइनल में दमदार परफॉर्मेंस कर भारतीय टीम को खिताब दिलाया। मोहिंदर अमरनाथ वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने थे, जो आज तक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। वर्ल्ड कप 12 सीजन में अभी तक कोई भी खिलाड़ी सेमीफाइनल और फाइनल मैच में मैन ऑफ द मैच नहीं बना है। 

बल्लेबाजी के साथ-साथ थोड़ी बहुत गेंदबाजी के लिए भी जाने-जाने वाले मोहिंदर अमरनाथ ने 1983 के विश्व कप  फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ बतौर बल्लेबाज 26 रन बनाए थे और बतौर गेंदबाज तीन विकेट चटकाए थे। इससे पहले मेजबान इंग्लैंड के साथ खेले गए सेमीफाइनल में 46 रनों की पारी खेली थी और 2 विकेट अपने नाम किए थे।  

मोहिंदर अमरनाथ ने 69 टेस्ट मैचों में 11 शतक और 24 अर्धशतकों के साथ 4378 रन बनाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में मोहिंदर अमरनाथ के खाते में 32 विकेट दर्ज हैं। वहीं, 1975 में वनडे डेब्यू करने वाले मोहिंदर अमरनाथ ने साल 1989 तक भारत के लिए 85 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें 2 शतक और 13 अर्धशतकों के साथ 1924 रन बनाए हैं।वनडे क्रिकेट में उनके नाम 46 विकेट दर्ज हैं।

जब मोहिंदर अमरनाथ को लगे 6 टांके 

1983 वर्ल्ड कप से ठीक पहले भारतीय टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर गई जहां मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग और एंडी रॉबर्ट्स की तिकड़ी ने भारत की बैटिंग लाइनअप को तबाह कर दिया। मोहिंदर अमरनाथ इकलौते खिलाड़ी थे जो उनका सामना डट कर रहे थे, लेकिन सीरीज के चौथे मैच की दूसरी पारी में बाउंसर खेलने में कमजोर माने जाने वाले मोहिंदर अमरनाथ को जबड़ा टूट गया।

दरअसल, माइकल होल्डिंग ने एक गेंद को पूरी ताकत के साथ पटका, जो सीधे मोहिंदर अमरनाथ की ठुड्डी पर लगी। कुछ ही सेकेंड में वे वे जमीन पर गिर पड़े। सभी खिलाड़ी उनके पास पहुंचे, लेकिन वे खड़ी नहीं हुए। इसके बाद मोहिंदर अमरनाथ को मैदान से बाहर ले जाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब तक उनकी सफेद शर्ट खून से लाल हो गई थी। अस्पताल में उनके चेहरे पर छह टांके लगे।

आधा दर्जन टांके लगवाने केआधे घंटे बाद ही वे ड्रेसिंग रूम में लौट आए। मैच अभी भी चल रहा था। थोड़ी ही देर में बलविंदर सिंह संधू आउट हो गए तो मोहिंदर अमरनाथ ने जल्दी से खुद को पैडअप किया और मैदान में चले गए। चोट लगने के समय वे 18 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। जब दोबारा बल्लेबाजी करने उतरे तो उन्होंने वेस्टइंडीज की इस तिकड़ी की जमकर खबर ली और 80 रन की पारी खेली, जो मिसाल बन गई। 


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