Move to Jagran APP

पैडी अप्टन ने गौतम गंभीर को बताया मानसिक रूप से बेहद असुरक्षित क्रिकेटर!

भारतीय टीम के पूर्व मेंटल कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन ने अपनी नई किताब के माध्यम से दावा किया है कि गौतम गंभीर मानसिक रूप से अपने आपको असुरक्षित महसूस करते थे।

By Rajat SinghEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 06:52 PM (IST)
पैडी अप्टन ने गौतम गंभीर को बताया मानसिक रूप से बेहद असुरक्षित क्रिकेटर!
पैडी अप्टन ने गौतम गंभीर को बताया मानसिक रूप से बेहद असुरक्षित क्रिकेटर!

नई दिल्ली,पीटीआइ। भारतीय टीम के पूर्व मेंटल कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन ने अपनी नई किताब के माध्यम से दावा किया है कि गौतम गंभीर मानसिक रूप से अपने आपको असुरक्षित महसूस करते थे। इसके बावजूद वह भारत के सफलतम बल्लेबाजों में से एक हैं। हालांकि, अप्टन की यह बात गंभीर को बुरी नहीं लगी।

loksabha election banner

गौतम गंभीर फिलहाल राजनीति में सक्रिय हैं और वह लोकसभा 2019 में पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं। गंभीर ने कहा, 'अप्टन एक अच्छे व्यक्ति हैं और उनका इरादा गलत नहीं हो सकता। वहीं, असुरक्षा की बात कोई नई नहीं है। इसके बारे में बोर्ड और टीम को पता है।' अप्टन ने अपनी किताब 'The Barefoot Coach' में बड़े खिलाड़ियों की मानसिक स्थिती के बारे में लिखा है। किताब में इस बात का जिक्र किया गया है कि अलग-अलग परिस्थितियों में खिलाड़ी कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

अप्टन ने अपनी किताब में लिखा, 'मैंने 2009 में गौतम गंभीर की मानसिक स्थित के साथ अपना बेस्ट काम किया, लेकिन वह बहुत प्रभावी नहीं रहा। मैंने उनके साथ क्रिकेटर ऑफ दी इयर बनने तक काम किया। लेकिन उनके साथ काम करने के लिए मुझे ज़्यादा समय नहीं मिला। शतक बनाने के बावजूद गंभीर निराश रहते थे। वह लगातार अपनी गलतियों के बारे में सोचते रहते थे।' अप्टन ने लिखा है कि गौतम अधिक आशावादी और निराशावादी दोनों थे। गंभीर जब 150 रन बनाते थे, तो इस बात को लेकर दुखी हो जाते थे कि 200 क्यों नहीं बनाए।

अप्टन ने लिखा है, 'लोगों क लगता था कि गंभीर बेहद मजबूत मानसिक छवि वाले व्यक्ति हैं, लेकिन इसके विपरीत वह मानसिक रूप से कमजोर और असुरक्षित थे। हालांकि, इस बात में कोई शक नहीं कि वह उस समय दुनिया के बेस्ट टेस्ट क्रिकेटर थे। 2011 में उन्होंने खुद को एक बार फिर साबित किया था।'

गौतम गंभीर ने इस बात को लेकर कहा,' मैं भारतीय टीम को दुनिया में नबर वन देखना चाहता था। पैडी ने अपनी किताब में लिखा है कि मैं शतक मारने के बाद भी संतुष्ट नहीं होता था। इस बात में कोई बुराई नहीं है। बस मैं लगातार अपना बेस्ट देने की कोशिश करता था।' 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.