गौतम गंभीर ने खोला राज़, बताई क्रिकेट से संन्यास लेने की सबसे बड़ी वजह
गंभीर ने हाल ही में संन्यास का एलान किया था और उन्होंने दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में क्रिकेट करियर का आखिरी मैच खेला।
नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही मेंं क्रिकेट जगत से संन्यास लेने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी गौतम गंभीर ने अपने संन्यास के पीछे का कारण राष्ट्रीय टीम में जगह न मिल पाना बताया है। एक साक्षात्कार में गंभीर ने कहा कि जब राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह ही नहीं मिलनी, तो रन बनाते रहने और खेलते रहने का कोई तुक नहीं बनता।
गंभीर ने दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में क्रिकेट करियर का आखिरी मैच खेला। उन्होंने भारतीय टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आखिरी टेस्ट मैच 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। इसके अलावा उनका आखिरी वनडे मैच 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ था। 2016 के बाद से उन्हें भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए नहीं देखा गया। हालांकि, कहीं न कहीं उन्हें टीम में बुलावे की उम्मीद थी लेकिन अब इस उम्मीद के खत्म होने के साथ ही उन्होंने क्रिकेट जगत को भी अलविदा कह दिया।
उन्होंने कहा, 'काश मैं 27 का होता लेकिन अब मैं 37 का हूं और अब मेरे पास करने के लिए कुछ नहीं रह गया है। जब आपके रन आपको आगे नहीं ले जा पाते हैं, तो उन रनों को स्कोर करते रहने का कोई तुक नहीं बनता। बेहतर होगा कि कोई युवा खिलाड़ी आगे आए और रन बनाकर भारतीय टीम में खेलने का सपना पूरा करे।'
गंभीर ने कहा, 'मैंने हमेशा सोचा था कि मैं रन स्कोर करूंगा, तो कभी न कभी राष्ट्रीय टीम में स्थान मिलेगा। जब मुझे लगा कि मेरा यह प्रयास मुझे आगे नहीं ले जा पा रहा और मुझे राष्ट्रीय टीम में स्थान नहीं मिल पा रहा है, तो इसे प्रयास को जारी रखने का कोई फायदा नहीं।'
2003 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले गंभीर ने कहा कि वह अगले जीवन में भी भारत के लिए क्रिकेट खेलना चाहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा मैं अगले जीवन में भी क्रिकेट खेलना चाहूंगा, लेकिन जाहिर तौर पर भारत के लिए कुछ और जीत चाहूंगा, कुछ और शतक बनाना चाहूंगा। 2011 में वनडे विश्व कप जीतने वाले भारतीय टीम के सदस्य और फाइनल मैच के हीरो रहे गंभीर ने अंतरराष्ट्रीय करियर में 58 टेस्ट और 147 वनडे खेले।