क्या इनके लिए बंद हो चुका है भारतीय टीम का दरवाजा या थोड़ी उम्मीद अब भी बाकी?
आपको अगर वर्ल्ड कप 2011 याद होगा तो आप शायद ही इस खिलाड़ी को कभी भूल पाएंगे। फाइनल मुकाबले में इस खिलाड़ी ने अपनी पारी से टीम को वर्ल्ड कप दिलाने में गजब की भूमिका निभाई थी।
नई दिल्ली, संजय सावर्ण। आपको अगर वर्ल्ड कप 2011 याद होगा तो आप शायद ही इस खिलाड़ी को कभी भूल पाएंगे। फाइनल मुकाबले में इस खिलाड़ी ने अपनी पारी से टीम को वर्ल्ड कप दिलाने में गजब की भूमिका निभाई थी मगर आज वही खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने की पूरजोर कोशिश कर रहा है। सच्चाई तो ये है कि क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में उसे चांस नहीं मिल रहा तो क्या ये समझ लिया जाए कि इस खिलाड़ी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के दरवाजे बंद हो चुके हैं।
शानदार रहा आइपीएल 2016
जिस खिलाड़ी की हम बात कर रहे हैं वो हैं कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान गौतम गंभीर। गंभीर ने इस आइपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया और अपनी बल्लेबाजी से काफी प्रभावित किया। रन बनाने के मामले में वो चौथे नंबर पर रहे। 15 मैचों में उनके नाम 501 रन रहा। इसमें पांच अर्धशतक भी शामिल थे। इसके बावजूद भी उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई।
क्या उम्र बन रही है बाधा ?
भारतीय टीम में चयन के लिए गंभीर का प्रदर्शन आइपीएल में शानदार रहा। इससे पहले भी आइपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को टीम में जगह दी जाती रही है तो गंभीर क्यों नहीं। हालांकि गंभीर अब 34 वर्ष के हो चुके हैं, तो क्या उम्र की वजह से वो टीम में नहीं चुने जा रहे।
एक उम्मीद बाकी, क्योंकि हो रहा है ऐसा
गंभीर को टीम में वापसी की उम्मीद तो जरूर होगी क्योंकि कुछ दिनों पहले ही 36 वर्ष के आशीष नेहरा को उनके अच्छे प्रदर्शन की वजह से और युवराज को भी टी-20 टीम में जगह दी गई थी। शायद इनका अच्छा प्रदर्शन इनके उम्र के आड़े नहीं आई और ऐसा हुआ। जाहिर है गंभीर भी शायद ये उम्मीद कर रहे हों कि उनके साथ भी ऐसा हो क्योंकि बल्ले से तो उनका प्रदर्शन अच्छा ही है।
एक और डर, कहीं सहवाग जहीर जैसा ना हो
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज विरेंद्र सहवाग और पूर्व धुरंधर गेंदबाज जहीर खान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था। इन्हें बार-बार मौका नहीं दिया और आखिरकार इन दोनों दिग्गजों ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। संभावना इस बात की भी है कि गंभीर के साथ भी ऐसा हो। गंभीर को ये डर भी सता रहा होगा।