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टूटी हड्डी, फूटा सिर... फिर भी नहीं रुके और मैदान में खेलने उतरे ये खिलाड़ी

आइए आपको चार ऐसी ही घटनाओं के बारे में बताते हैं जो क्रिकेट के जूनून को साबित करती है।

By Rajat SinghEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 06:12 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 06:15 PM (IST)
टूटी हड्डी, फूटा सिर... फिर भी नहीं रुके और मैदान में खेलने उतरे ये खिलाड़ी
टूटी हड्डी, फूटा सिर... फिर भी नहीं रुके और मैदान में खेलने उतरे ये खिलाड़ी

नई दिल्ली, जेएनएन। 'क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है। क्रिकेट जूनून है।' ये बात यूं ही नहीं कही जाती। इस बात को इस खेल के खिलाड़ियों ने अपने जज्बे से साबित किया है। किसी भी खेल को बड़ा बनाने का काम उसके खिलाड़ी ही करते हैं। क्रिकेट के मैदान में खिलाड़ियों ने इसे साबित किया है कि खेल से बढ़कर कुछ भी नहीं है। कभी हड्डी टूटी, तो कभी फूट गया सर, लेकिन खिलाड़ी मैदान में डटे रहे। आइए आपको चार ऐसी ही घटनाओं के बारे में बताते हैं, जो क्रिकेट के जूनून को साबित करती है।

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1. कैंसर के साथ जीता दिया विश्व कप
2011 विश्व कप, खिलाड़ी मैदान में उल्टियां कर रहा था और फिर मैच खेल रहा था। नाम है युवराज सिंह। भारत के 2011 विश्व कप जिताने में युवराज सिंह का बड़ा योगदान हैं। उस दौरान वह कैंसर से जूझ रहे थे, वह लगातार उल्टियां कर रहे थे। इसके बावजूद वह मैदान में डटे रहे है और पूरा टूर्नामेंट खेला। उस टूर्नामेंट उन्होंने 362 रन बनाए और 15 विकेट भी लिए। उन्हें मैन ऑफ दी सीरीज से भी नवाज गया।

2. जब टूटे जबड़े के साथ मैदान में उतर गए कुंबले
एंटिगा में भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैचा खेला जा रहा है। अनिल कुंबले के जबड़े में चोट लग गई। पूरे स्टेडियम में सिर्फ एक भारतीय डॉक्टर मौजूद था। कुबंले का जबड़ा पट्टियों से बांधा गया। सबको लग रहा था कि कुंबले आराम करेंगे। यह कुंबले का जज़्बा ही था कि वह गेंदबाजी करने के लिए मैदान में उतर गए। टूटे हुए जबड़े के साथ गेंदबाजी करते हुए उन्होंने ब्रायन लारा का विकेट भी लिया।

3. खून से लथपथ बल्लेबाजी करते रहे वॉटसन
पैर में लगे थे 6 टाकें फिर भी शेन वॉटसन लगातार बल्लेबाजी करते रहे है। बात आइपीएल 2019 फाइनल की है। वॉटसन अपनी पारी के दौरान रन लेते समय डाइव लगा बैठे थे। उन्‍होंने अपना विकेट बचाने के लिए ऐसा किया था और वह चोटिल हो गए थे। इसके बाद उनके पैर से खून निकलता रहा, लेकिन फिर वह 80 रन बना गए।

4. जब हार बचाने के लिए टूटा हाथ लेकर मैदान में पहुंच गया खिलाड़ी|
बात 2009 की है। सिडनी में ऑस्ट्रलिया का मुकाबला साउथ अफ्रीका से हो रहा था। मैच के दौरान हाथ फैक्चर होने की वजह से टीम के कप्तान ग्रीम स्मिथ डग आउट में बैठ गए थे। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 9वां विकेट लेने के बाद खुशी मनाने लगी थी। तभी टूटे हाथ से बल्लेबाजी करन आए स्मिथ। वह काफी देर टीम को हार से बचाने के लिए एक हाथ के साथ मैदान में डटे रहे। हालांकि, 10 गेंद पहले उनकी टीम हार गई, लेकिन वह अपना जूनून बता गए।  

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