अपनी धुनाई देखकर अंग्रेज गेंदबाज तिलमिलाए, अब दे रहे हैं ऐसे बहाने..
क्या सलामी बल्लेबाज और क्या आखिरी नंबर का बल्लेबाज, जिसे भी मौका मिला उसने पहले टेस्ट की पहली पारी में अंग्रेज गेंदबाजों की क्लास लगाई। पहले सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (146) का शतक, फिर मिडिल ऑर्डर में कप्तान धौनी (82) का अर्धशतक और फिर अंत में सबको चौंकाते हुए 9वें और 11वें नंबर के बल्लेबाजों भुवनेश्वर कुमार (58) और मोहम्मद शमी (नाबाद 51) की रिकॉर्ड शतकीय साझेदारी।
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। क्या सलामी बल्लेबाज और क्या आखिरी नंबर का बल्लेबाज, जिसे भी मौका मिला उसने पहले टेस्ट की पहली पारी में अंग्रेज गेंदबाजों की क्लास लगाई। पहले सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (146) का शतक, फिर मिडिल ऑर्डर में कप्तान धौनी (82) का अर्धशतक और फिर अंत में सबको चौंकाते हुए 9वें और 11वें नंबर के बल्लेबाजों भुवनेश्वर कुमार (58) और मोहम्मद शमी (नाबाद 51) की रिकॉर्ड शतकीय साझेदारी। इन सभी पारियों से अंग्रेज गेंदबाज कुछ इस कदर खीझे हैं कि अब आए दिन नए बहाने बना रहे हैं। हम आपको इतिहास से भी रूबरू कराएंगे जब इन्हीं अंग्रेज गेंदबाजों के सुर बदले-बदले से थे।
पहली पारी में स्टुअर्ट ब्रॉड ने अच्छी गेंदबाजी की और 33 ओवर में 53 रन देते हुए 2 विकेट लिए लेकिन भारतीय बल्लेबाजों की धुनाई का असर उन पर भी दिखा और उन्होंने इसका कारण अपने ही मैदान की पिच को बता डाला। अब उनका कहना है कि इस पिच (ट्रेंटब्रिज) से अच्छी और रफ्तार वाली पिचें तो भारत में हैं।
ब्रॉड ने कहा, 'इस पिच से तेज तो भारतीय पिचें हैं लेकिन हमने संयम नहीं खोया। हम मैदान पर परेशान नहीं हुए और विकेट लेने का प्रयास करते रहे। एक तेज गेंदबाज के रूप में आप स्लिप कॉर्डन के साथ एक गली फील्डर चाहते हो। यहां स्थिति काफी अलग थी और कवर पर चार फील्डरों के साथ गेंदबाजी करना बेहद मुश्किल था। ये काफी खिझाने वाला था। पचास ओवरों के बाद गेंद काफी नरम हो जाती है और पिच पर कुछ बचता नहीं दिख रहा इसलिए आप अलग-अलग प्रकार के प्रयोग करते हो। ट्रेंटब्रिज के आयोजकों ने भी सामने आकर अपनी गलती मानी है और माफी भी मांगी है। ये मैदान अपनी तेज पिच और आक्रामक क्रिकेट के लिए जाना जाता रहा है, उम्मीद है कि आगे सीरीज के बाकी मैदानों में ऐसा नहीं होगा। इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा। उम्मीद है कि हमारे बल्लेबाजों को भी इसका फायदा मिलेगा'
सबसे अनुभवी गेंदबाज भी खीझा था:
ब्रॉड ही नहीं, इंग्लिश क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले उनके अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने भी पहले दिन के खेल के बाद कुछ ऐसे ही खीझ निकाली थी। एंडरसन ने अपने बयान की शुरुआत पिच पर खीझ निकालते हुए मजाकिया लहजे में की थी, 'हम बेहतरीन मेजबान हैं। ये थोड़ा परेशान करने वाला है क्योंकि सब चाहते हैं कि पिच गेंद और बल्ले के बीच बराबरी की टक्कर दे लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि हमको ये पता था कि टेस्ट मैचों की पिचें बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा पहुंचाएंगी इसलिए मुझे लगता है कि अब तक हमारी गेंदबाजी शानदार थी। हम इस पर हैरान परेशान हो सकते थे लेकिन हमने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।'
पिछली बार तो कुछ और कहा था जनाब..
बेशक ट्रेंटब्रिज टेस्ट के पहले दो दिनों में अपनी धुनाई देखकर अंग्रेज गेंदबाज इस पिच को कोस रहे हों लेकिन दो साल पहले जब भारत इंग्लैंड दौरे पर गई थी तब यहीं इन्हीं अंग्रेज तेज गेंदबाजों ने भारतीय टीम के धुरंधर बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी की थीं। यही वो स्टुअर्ट ब्रॉड थे जिन्होंने इसी मैदान पर हुए उस टेस्ट मैच की पहली पारी में 46 रन देकर 6 विकेट और दूसरी पारी में 48 रन देकर 5 विकेट लिए थे। उन्होंने मैन ऑफ द मैच का खिताब भी जीता था। इंग्लैंड ने उस दौरान इस मैदान पर भारत को चार दिनों के अंदर 319 रनों से करारी शिकस्त दी थी। तब ब्रॉड, एंडरसन और उस दौरान उनके स्पिनर ग्रीम स्वान ने इस पिच की खूब तारीफ की थी लेकिन न जाने आज उनके बयान, प्रदर्शन और पिच.सब बदले-बदले से नजर आ रहे हैं।