सहवाग का सम्मान बढ़ाने की जल्दबाज़ी में DDCA कर बैठा ये बड़ी गलती, अब हो रही फजीहत
डीडीसीए की इस गलती की वजह से उसकी हर जगह फजीहत हो रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के गेट नंबर दो का नाम भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के नाम पर रखा गया। ये पहला मौका कहा जब दिल्ली और ज़िला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने किसी क्रिकेट खिलाड़ी के नाम पर कोटला के किसी गेट का नाम रखा। अब कोटला का गेट नंबर दो सहवाग के नाम से जाना जाएगा और इस आक्रामक बल्लेबाज ने अपने कई पूर्व साथियों की मौजूदगी में स्वयं उसका उदघाटन किया। इस समारोह के दौरान डीडीसीए एक बड़ी गलती कर बैठा और इस गलती की वजह से अब उसकी फजीहत भी हो रही है।
Head Coach @RaviShastriOfc and #TeamIndia members congratulate @virendersehwag after the gate at Feroz Shah Kotla was named after him. pic.twitter.com/bveVvQtUrP
— BCCI (@BCCI) October 31, 2017
डीडीसीए से हुई ये बड़ी चूक
इस समारोह के दौरान डीडीसीए की तरफ से एक बड़ी गलती हो गई। सहवाग के नाम वाले इस गेट पर उनके रिकॉर्ड के बारे में भी लिखा था और इस पर लिखा था कि वीरु टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज़ हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि सहवाग ऐसा करने वाले एकलौते भारतीय बल्लेबाज़ नहीं है क्योंकि भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में करुण नायर भी तिहरा शतक लगा चुके हैं।
डीडीसीए की हो रही फजीहत
डीडीसीए की इस गलती की वजह से उसकी हर जगह फजीहत हो रही है। इस समारोह का आयोजन करते समय डीडीसीए के अधिकारियों को कम से कम सहवाग के नाम दर्ज रिकॉर्ड्स को तो ठीक से देख लेना चाहिए था कि कहीं इसमें कोई गलती तो नहीं है।
सहवाग ने टेस्ट में दो बार जमाया तिहरा शतक
वीरेंद्र सहवाग भारत के ऐसे एकलौते बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक जमाया है। सहवाग ने पहली बार ये कमाल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में 309 रन की पारी खेलकर किया था और इस तिहरे शतक की वजह से ही उन्हें मुल्तान के सुल्तान भी कहा जाता है। दूसरी बार वीरू के बल्ले से ये कारनामा 2008 में द. अफ्रीका के साथ चेन्नई में खेले गए टेस्ट में किया था। इस मुकाबले में सहवाग ने 319 रन की पारी खेली थी। करुण नायर ने भी टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जमाया है, लेकिन उन्होंने ये काम सिर्फ एक ही बार किया है। नायर ने ये तिहरा शतक पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई के मैदान पर लगाया था।