गांगुली के सामने झुका बीसीसीआइ, राहुल, शमी और उमेश को मिला खेलने का मौका
गांगुली ने कहा ऑस्ट्रेलिया भी इसी मॉडल को फॉलो करता है।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। किसी खिलाड़ी का क्रिकेट संघ का मुखिया होना कितना लाभदायक होता है इसका उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला। पूर्व भारतीय कप्तान और बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष सौरव गांगुली दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए चुनी गई टेस्ट टीम के खिलाड़ियों के रणजी ट्रॉफी के फाइनल स्टेज में नहीं खेलने देने के फैसले के खिलाफ खड़े हुए और इसकी बदौलत केएल राहुल, मुहम्मद शमी, रिद्धिमान साहा, इशांत शर्मा और उमेश यादव को रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में खेलने की अनुमति दे दी गई।
हालांकि, एड़ी में चोट के कारण नहीं दिल्ली के कप्तान इशांत सेमीफाइनल में नहीं खेल पाएंगे। गांगुली ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए बुधवार को ई-मेल किया कि दक्षिण अफ्रीकी दौरे में चुने गए वे खिलाड़ी जो श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में नहीं खेल रहे हैं उन्हें अपनी-अपनी राज्य की टीमों के लिए रणजी में खेलने का मौका मिलना चाहिए। इसके बाद बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को ई-मेल लिखकर दक्षिण अफ्रीका जाने वाली टेस्ट टीम में चुने गए खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी के बाकी मुकाबलों में खेलने देने की सिफारिश की। उन्होंने बोर्ड के बाकी दो पदाधिकारियों, सीईओ राहुल जौहरी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) को एक लंबा चौड़ा ई-मेल लिखा।
इसके बाद टेस्ट टीम में चुने गए केएल राहुल, इशांत शर्मा, मुहम्मद शमी, ऋद्धिमान साहा और उमेश यादव जैसे टेस्ट विशेषज्ञों को रविवार से शुरू होने वाले रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में भाग लेने की अनुमति देने का फैसला किया गया। हालांकि इशांत बाहर हो गए।
बंगाल पहले सेमीफाइनल में पुणे में दिल्ली से भिड़ेगा जबकि दूसरा सेमीफाइनल कर्नाटक और विदर्भ के बीच कोलकाता में खेला जाएगा। इन दोनों सेमीफाइनल की विजेता टीमों के बीच इंदौर में 29 दिसंबर से फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। राहुल कर्नाटक, शमी व साहा बंगाल और यादव विदर्भ के लिए खेलते हैं।
कैब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शमी और साहा बंगाल की तरफ से खेलते हैं। दोनों को दक्षिण अफ्रीका जाने वाली टेस्ट टीम में चुना गया है। अगर यह दोनों सेमीफाइनल में हमारी टीम से खेलते तो बंगाल को फायदा मिलता ही साथ ही उन्हें भी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दौरे से पहले अभ्यास मिलता। इसी को लेकर गांगुली ने ई-मेल लिखा था। इसके बाद अमिताभ ने ई-मेल लिखकर इसका समर्थन किया। यही नहीं, उन्होंने इस पर भी आश्चर्य जताया कि उन खिलाड़ियों को पहले ही खेलने की अनुमति क्यों नहीं दी गई थी जो श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि भारत ने पिछला टेस्ट मैच छह दिसंबर को खेला था और अगला टेस्ट मैच पांच जनवरी को होना है। इसके बीच में 30 दिन हैं। अगर इन खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंट में खेलने नहीं दिया जाएगा तो उनका अभ्यास कैसे होगा।
उन्होंने अपने ई-मेल में ऑस्ट्रेलिया के मॉडल का तर्क देते हुए कहा कि वहां के शीर्ष क्रिकेटरों को शेफील्ड शील्ड जैसे घरेलू टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में भी भाग लेने के प्रोत्साहित किया जाता है। यह मुद्दा देश के बेहतरीन क्रिकेटर और सबसे सफल कप्तानों में एक ने उठाया है। इसे देखकर लगता है कि टेस्ट टीम का हिस्सा होने के बावजूद इन खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका मिलना चाहिए। मैंने इसको लेकर चयनसमिति के मुखिया और बाकी दो चयनकर्ताओं से भी बात की है। उन्होंने भी सहमति जताई है।
एफटीपी कार्य दल में सीइओ के होने पर सवाल
नई दिल्ली, जेएनएन। आइसीसी के भविष्य दौरा और कार्यक्रम (एफटीपी) में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के कार्य दल में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली शामिल हो सकते हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने ज्यादा दबाव बनाया तो इसमें सीईओ राहुल चौहरी को शामिल किया जा सकता है लेकिन उनके नाम पर सहमति नहीं है।
पिछले सोमवार को बीसीसीआइ की आम सभा में फैसला लिया गया था कि नए टूर प्रोग्राम को तय करने के लिए एक कार्य दल बनाया जाएगा, जहां भारतीय टीम को 2019-2023 के बीच पांच सालों में घर में तीनों प्रारूपों में कुल 81 मैच खेलने हैं। इस कार्यदल में तीन प्रधान अधिकारी सीके खन्ना, अमिताभ चौधरी और अनिरूद्ध चौधरी के साथ अन्य सदस्य होंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि हर जोन का इसमें एक प्रतिनिधि होगा।
बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सौरव गांगुली को इसमें शामिल करना चाहता है। आम सभा में मौजूद रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सचिव और कोषाध्यक्ष दोनों को ही लगता है कि गांगुली को इस दल में शामिल करना चाहिए। अगर गांगुली एफटीपी में अपना सुझाव देंगे तो ये अच्छा होगा। वहीं ये देखने में आया है कि कई पदाधिकारी सीईओ राहुल जौहरी को इस दल में शामिल करने में सहमत नहीं हैं। सीओए चीफ विनोद राय के पदाधिकारियों पर दबाव बनाए बिना ये संभव भी नहीं है।
अधिकारी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि इस साल हुई आम सभा इन पदाधिकारियों ने जौहरी को बाहर कर दिया था जिसके बाद सीओए ने नाराजगी व्यक्त की थी। नए एफटीपी के तहत भारतीय टीम को अगले पांच सालों में 306 दिन मुकाबले खेलने हैं। अगले पांच सालों में भारत को टी-20 मुकाबले ज्यादा खेलने हैं, जो बीसीसीआइ को टेलीविजन अधिकारों से बड़ा राजस्व दिला सकता है।
डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट के पक्ष में गांगुली
गांगुली ने कहा है कि टेस्ट प्रारूप की मौजूदा स्थिति को देखते हुए डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट अनिवार्य हो गया है। बंगाल क्रिकेट संघ अब घर में डे-नाइट टेस्ट आयोजित कराना चाहती है। गांगुली ने कहा कि ये अनिवार्य हो गया है। ये किसी ना किसी दिन तो होगा ही। ये बहुत साधारण है। लाल गेंद की जगह गुलाबी गेंद का इस्तेमाल होगा और लोग शाम को मैच देखने के लिए आएंगे। उन्होंने साथ ही रोहित शर्मा की भी प्रशंसा कि जिन्होंने वनडे में तीसरा दोहरा शतक जड़ दिया।