इस खिलाड़ी ने दिग्गजों को लेकर बोली ये बड़ी बात, एक हार से टीम इंडिया में पड़ी फूट?
गुवाहाटी में खेले गए सीरीज़ के दूसरे टी-20 मैच में भारतीय टीम को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ था।
गुवाहाटी, जेएनएन। भारत को मंगलवार को दूसरे टी-20 मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों आठ विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। भारत के मध्यम तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने टीम इंडिया की करारी हार की वजह का रहस्योद्घाटन किया है। भुवनेश्वर ने कहा है कि इस मैच में टीम इंडिया की हार की सबसे बड़ी वजह तेज गेंदबाज जेसन बेहरेनड्रॉफ द्वारा पहले ही ओवर में रोहित शर्मा और विराट कोहली का आउट होना रही। इन दोनों दिग्गज बल्लेबाज़ों के एक ही ओवर में आउट होने से मैच का पलड़ा ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में झुक गया था।
आमतौर पर कप्तान या कोई खिलाड़ी मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम की हार की वजहें बताते समय गेंदबाजों या बल्लेबाजों की कमी सामने रखते हैं। इसमें भी तेज गेंदबाजों या स्पिनर्स और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों या मध्यक्रम के बल्लेबाजों का नाम लिया जाता है। ऐसा देखने को नहीं मिलता है कि टीम के एक गेंदबाज ने दो बल्लेबाजों को हार का जिम्मेदार ठहराया हो।
बायें हाथ के तेज गेंदबाज बेहरेनड्रॉफ ने 21 रनों पर चार विकेट लेते हुए ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई और मेहमान टीम ने इसी के साथ तीन मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। भुवी ने कहा कि बेहरेनड्रॉफ ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की। उन्होंने विकेट का पूरा उपयोग किया। लाइन एंड लेंथ गेंदबाज के लिए यह आदर्श पिच थी। उन्होंने कहा कि जेसन के पास गति है और वह गेंद को स्विंग भी कराते हैं। लाइन और लेंथ वाले गेंदबाज का भी टी-20 में 3-4 विकेट लेने के लिए भाग्यशाली होना आवश्यक होता है। जेसन इस मामले में भाग्यशाली साबित हुए। वैसे भी बारसापारा की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग साबित नहीं हुई।
वहीं उस मुकाबले में मैन ऑफ द मैच चुने गए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जेसन बेहरेनडोर्फ अपने प्रदर्शन से काफी खुश हैं लेकिन उनका अंतिम लक्ष्य लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलना है। 21 रन देकर चार विकेट झटकने वाले जेसन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट सबसे बड़ा पुरस्कार है और निश्चित रूप से सभी क्रिकेटर ऑस्ट्रेलियाई टीम की हरे रंग की कैप पहनना का सपना संजोये होते हैं और मैं भी ऐसा ही करना चाहता हूं। मैं टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए सबकुछ कर रहा हूं। रांची में जेसन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले मुकाबले में सिर्फ एक ओवर फेंका था।