BCCI ने पिछले 4 साल में कहां खर्च किए 119 करोड़ रुपये, आप भी जानिए
BCCI ने पिछले चार साल में 100 करोड़ से ज्यादा रुपये का धन लीगल कामों में खर्च किया है। इसका खुलासा सौरव गांगुली के बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने के बाद हुआ है।
नई दिल्ली, जागणरण स्पेशल। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में दादा यानी सौरव गांगुली का शासन शुरू हो गया है। बुधवार को सौरव गांगुली ने बीसीसीआइ के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल ली है। सौरव गांगुली की नई टीम भी बोर्ड को आगे ले जाने के लिए तैयार है। इसी बीच बीसीसीआइ के खर्च से जुड़ा एक बड़ा आंकड़ा सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि बीसीसीआइ ने पिछले चार साल में 100 करोड़ से ज्यादा रुपये का धन लीगल कामों में खर्च किया है।
14 में 19 करोड़ हो गए हैं खर्च
दरअसल, बीसीसीआइ के नए सवेरे का उदय हो गया है, लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करना काफी महंगा पड़ा है। बीसीसीआइ से जुड़े सूत्रों ने मिड-डे को बताया है कि बोर्ड को पिछले चार सालों में 119 करोड़ रुपये कानूनी कामों में खर्च करने पड़े हैं। हालांकि, ये खर्चे सिर्फ लोढ़ा समिति की सिफारिशों के लिए सुप्रीम कोर्ट में की गई सुनवाई और वरिष्ठ अधिवक्ताओं को हायर करने तक ही सीमित नहीं है।
BCCI के आड़े आया था पाकिस्तान
इस 119 करोड़ रुपये के खर्च में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा क्लेम किए गए द्विपक्षीय विवाद और इनकम टैक्स मुकदमेबाजी में भी खर्च हुए हैं। बीसीसीआइ के सूत्र ने बताया है कि इस रकम में से ज्यादातर राशी लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में खर्च हुई है। यह समझा जा सकता है कि 40 करोड़ रुपये से ज्यादा बीसीसीआइ की लीगल टीम को सीनियर काउंसेल Cyril Amarchand Mangaldas को देने पड़े हैं, जो सुप्रीम कोर्ट की एक सुनवाई के 5 लाख रुपये फीस के तौर पर लेते थे।
राज्य क्रिकेट संघों ने भी खर्च किया पैसा
बीसीसीआइ अधिकारी ने बताया है, "ये सिर्फ बीसीसीआइ के लीगल खर्चों की रिपोर्ट है। राज्य संघों ने भी कानूनी शुल्क के लिए भारी खर्च किया है।" राज्य इकाईयों का लीगल खर्चा कम 10 से 35 करोड़ रुपये के आसपास होना चाहिए। हालांकि, ये खर्चा मुकदमे और वरिष्ठ वकीलों को हायर करने पर खर्च किया गया है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्य क्रिकेट संघों ने तुषार मेहता और कपिल सिब्बल जैसे दिग्गज वकीलों को हायर करके ज्यादा पैसे खर्च किए हैं।
लीगल खर्चे किए जाएंगे कम
उधर, बीसीसीआइ के नए कोषाध्यक्ष बने अरुण सिंह धूमल न मिड-डे को बताया कि उनका सबसे पहला उद्देश्य उनके तीन साल के कार्यकाल में बीसीसीआइ के लीगल खर्चों को कम करना है। धूमल ने कहा है, "जाहिर तौर पर जहां संस्था के काफी ज्यादा पैसे लीगल खर्चों पर हो रहे हैं, ये बड़ा विषय है। हम कोशिश करेंगे कि इन खर्चों को कैसे कम किया जाए, जो हमसे होगा हम कदम उठाएंगे।"
ये है सौरव गांगुली की टीम
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के नए अध्यक्ष बने सौरव गांगुली की टीम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह (सचिव), जयेश जॉर्ज (संयुक्त सचिव), अरुण सिंह धूमल (कोषाध्यक्ष) और माहिम वर्मा(उपाध्यक्ष) का नाम शामिल है।