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अयोग्य अधिकारियों से खतरे में आई बीसीसीआइ की कमाई

बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि पूर्व कैग प्रमुख विनोद राय के सीओए प्रमुख बनने के बाद हमें उम्मीद थी कि बीसीसीआइ और पारदर्शी होगा ।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 10:18 PM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 11:59 PM (IST)
अयोग्य अधिकारियों से खतरे में आई बीसीसीआइ की कमाई
अयोग्य अधिकारियों से खतरे में आई बीसीसीआइ की कमाई

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को टीम इंडिया से होने वाली सबसे बड़ी कमाई ही उसके अधिकारियों की अक्षमता के कारण खतरे में पड़ गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सीईओ राहुल जौहरी के साथ मिलकर बीसीसीआइ के मीडिया करार की ई-नीलामी के लिए 27 मार्च की तारीख तय की थी लेकिन उसके अधिकारियों के समय पर काम नहीं करने के कारण इसे एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। हालत यह है कि इसकी वजह से बीसीसीआइ को स्टार इंडिया के साथ चल रहे वर्तमान करार को 31 मार्च से 15 अप्रैल तक बढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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बीसीसीआइ के एक पदाधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ये सीओए के नेतृत्व में काम कर रहे सीईओ और अन्य अधिकारियों की अक्षमता का जीता-जागता सुबूत है। इन्होंने बोर्ड की आम सभा और वित्त समिति से पूछे बिना ही सबकुछ तय कर लिया था। इन्होंने ही ई-नीलामी की तारीखें तय कीं और अब ऐसा क्या हो गया जो इन्हें इसको एक सप्ताह के लिए टालना पड़ा।

पदाधिकारी ने कहा कि बीसीसीआइ को भारत में होने वाले प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए प्रसारणकर्ता से 43 करोड़ रुपये मिलते हैं। भारत को अगले चार साल के लिए 102 मैचों के प्रसारण के लिए ई-नीलामी करनी थी। इससे बोर्ड कम से कम 5000 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद लगा रहा है लेकिन वर्तमान नेतृत्व की कार्यप्रणाली से इस पर खतरा हो सकता है।

दैनिक जागरण के पास मौजूद बीसीसीआइ की कानूनी समिति की सदस्य करीना कृपलानी, सीओए सदस्य डायना इडुलजी, सीईओ राहुल जौहरी, जीएम रत्नाकर शेट्टी, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी के बीच हुई वार्तालाप के मुताबिक मीडिया अधिकारों की ई-नीलामी को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है लेकिन बाद में सब इसकी तारीख एक सप्ताह आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो जाते हैं। बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि पूर्व कैग प्रमुख विनोद राय के सीओए प्रमुख बनने के बाद हमें उम्मीद थी कि बीसीसीआइ और पारदर्शी होगा लेकिन चार लोगों ने मिलकर बीसीसीआइ के मीडिया अधिकारों के तरीके को ही बदल दिया और अब तय की गई तारीख को हास्यास्पद कारणों से बदल रहे हैं।

जब ई-नीलामी में सात दिन का समय बचा था तब इन्होंने तारीख बढ़ाने का कदम उठा लिया। ये इनका गैरपेशेवर रवैये को दर्शाता है। क्या जो कारण दर्शाया जा रहा है, वह ही सही है, या इसके पीछे कुछ और असलियत है? अभी तक ये आइपीएल उद्घाटन समारोह को भी पूरी तरह फाइनल नहीं कर पाए हैं जबकि ये सात अप्रैल को होना है।

डायना को सिर्फ महिला मैचों की फिक्र

जहां एक ओर बीसीसीआइ के अधिकारी और पदाधिकारी ईमेल वार्तालाप में बोर्ड के मीडिया अधिकारों को लेकर परेशान थे तो वहीं सीओए सदस्य और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना इडुलजी महिला क्रिकेट मैच के प्रसारण को लेकर चिंतित थीं। मीडिया करार को लेकर चल रही इस ईमेल वार्तालाप में डायना लिखती हैं कि नागपुर में आइसीसी चैंपियनशिप के तहत भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले मैचों के प्रसारण का क्या होगा? तो इसके जवाब में राहुल जौहरी लिखते हैं कि प्रोडक्शन हमें करना है और उसे नया प्रसारणकर्ता प्रसारित कर लेगा। फिर इसके जवाब में कहा जाता है कि नए प्रसारणकर्ता को अपलिंकिंग परमीशन लेने के लिए समय लगेगा।

बाद में यह तय होता है कि अगर ई-नीलामी तीन अप्रैल को होगी तो स्टार के साथ 31 मार्च को खत्म हो रहे करार के अगले दिन यानी एक अप्रैल को नए प्रसारणकर्ता से करार नहीं हो पाएगा। नया करार 15 अप्रैल तक हो सकता है। ऐसे में छह से 12 अप्रैल तक भारतीय महिला टीम के मैच का प्रसारण करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में स्टार के साथ प्रसारण करार को 15 अप्रैल तक बढ़ा देना चाहिए। हालांकि स्टार इंडिया इसके लिए तैयार हुआ है कि नहीं इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।

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