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Ambati Rayudu Retirement: विवाद से शुरू हुआ अंबाती रायुडू का करियर विवाद के साथ खत्म

Ambati Rayudu announced Retirement विश्व कप टीम में चयन न होने के बाद आंबाती रायुडू ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। बकौल रायुडू उनका पूरा करियर विवादों से घिरा रहा।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 06:30 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 12:04 AM (IST)
Ambati Rayudu Retirement: विवाद से शुरू हुआ अंबाती रायुडू का करियर विवाद के साथ खत्म
Ambati Rayudu Retirement: विवाद से शुरू हुआ अंबाती रायुडू का करियर विवाद के साथ खत्म

नई दिल्ली, जेएनएन। किसी भी खिलाड़ी का विश्व कप में खेलना सपना होता है, लेकिन टीम इंडिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज अंबाती रायुडू का यह सपना पूरा नहीं हो सका। इससे निराश रायुडू ने आखिरकार मंगलवार को क्रिकेट को अलविदा कह दिया। विश्व कप की टीम चुने जाने से पहले रायुडू लगातार टीम में बने हुए थे। इससे उनका चयन टीम में तय माना जा रहा था, लेकिन जब टीम चुनी गई तो उनकी जगह युवा आलराउंडर विजयशंकर का चयन हुआ। इससे नाराज रायुडू ने ट्वीट कर कहा कि वे 3D चश्मे के साथ विश्व कप इन्जॉय करेंगे। उनका यह ट्वीट सलेक्टर्स द्वारा विजयशंकर को 3D खिलाड़ी बताने पर तंज था। 

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हालांकि, इस दौरान उन्हें रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर रखा गया था। यानी किसी के चोटिल होने पर उन्हें टीम में जगह मिल सकती थी। विश्व कप के दौरान खिलाड़ी (शिखर धवन और विजयशंकर) चोटिल भी हुए, लेकिन रायुडू की जगह मंयक अग्रवाल जैसे युवा खिलाड़ी, जिसने एक भी मैच नहीं खेल था उसे तरजीह दी गई। इसके बाद शायद रायुडू समझ गए थे कि टीम को अब उन्हें सेवा देने का मौका नहीं मिलेगा और उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया। 33 साल के रायुडू का विवादों से पुराना नाता है। उन्हें एक समय भारतीय टीम भविष्य माना जाता था, लेकिन उनका करियर केवल 6 साल का रहा। इसका सबसे बड़ा कारण विवाद ही रहा है। रायुडू का पूरा करियर विवादों से भरा रहा है। 

रायुडू और विवाद 
कोच और अंपायर से लड़ाई
करियर के शरुआत में ही साल 2004-05 के रणजी में रायुडू का फॉर्म बेहद खराब रहा। उन्होंने आंध्र प्रदेश के लिए 11.92 की औसत से सिर्फ 155 रन ही बनाए। इस दौरान टीम के कोच राजेश यादव और उनके बीच मनमुटाव हो गया और वो आंध्र को छोड़कर हैदराबाद की टीम में शामिल हो गए। इसके बाद 2005 में पूर्व क्रिकेटर शिवलाल यादव के बेटे अर्जुन से उनकी लड़ाई हो गई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि अर्जुन ने रायुडू पर स्टंप से हमला कर दिया। इसी साल बाद में उनका अंपायर से भी झगड़ा हुआ।

हरभजन सिंह से लड़े
रायुडू आइपीएल 9 में एक बार अपने साथी खिलाड़ी हरभजन सिंह के साथ लड़ गए थे। दरअसल हरभजन की एक गेंद पर रायुडू चौका रोकने में असफल रहे। यह देखकर हरभजन सिंह का गुस्सा, रायुडू पर फुट पड़ा। मामले ने तूल तब पकड़ा जब रायुडू ने भी हरभजन को जवाब दे दिया और दोनों के बीच झगड़ा बढ़ता दिखा। बाद में हरभजन सिंह ने समझदारी दिखाते हुए रायुडू के गुस्से को शांत करने की कोशिश की मगर रायुडू नहीं माने और वह गुस्से में फील्डिंग करने चले गए। 

बुजुर्ग से लड़ गए रायडू
पिछले साल रायुडू पर बुजुर्ग के साथ धक्का-मुक्की का आरोप लगा था। रायुडू इस दौरान तेज गति से कार चला रहे थे। तभी सुबह में सैर पर निकले कुछ वरिष्ठ नागरिकों को उनकी कार से धक्का लगा। इसके बाद विरोध जताने पर रायुडू कार से बाहर निकले और बुजुर्ग से हाथापाई पर उतर आए थे। वहां मौजूद लोगों ने बीच बचाव कर मामले को शांत किया। इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई। बताया जाता है कि वहां मौजूद बुजुर्गों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) से भी शिकायत करने की बात कही थी। इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ था। 

2015 विश्व कप टीम में चुने गए, लेकिन एक मैच भी नहीं खेले
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए 2015 विश्व कप में रायुडू चुने गए थे, लेकिन वे इस दौरान एक भी मैच नहीं खेल सके। भारत ने इस विश्व कप में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। 

शानदार अंडर-19 करियर
रायुडू ने अपने क्रिकेट करियर के शुरुआत में ही अपनी शानदार प्रतिभा की झलक दिखा दी थी। साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के अंडर -19 टीम में उनका चयन हुआ। उस वक्त उनकी उम्र केवल 16 साल थी। इस दौरान बल्लेबाजी की शुरुआत करते हुए रायुडू ने 177 रन की शानदार पारी खेली। भारत ने इस मैच को एक विकेट से जीत लिया। इसके बाद उनका 2004 के भारत के अंडर -19 विश्व कप टीम में सुरेश रैना, इरफान पठान, दिनेश कार्तिक, आरपी सिंह और शिखर धवन जैसे खिलाड़ियों के साथ चयन हुआ। रायुडू इस टीम के कप्तान थे, लेकिन इन सभी खिलाड़ियों को भारतीय टीम में काफी पहले जगह मिल गई और रायुडू काफी बाद में टीम में शामिल हुए। 

तीन राज्यों से खेले रायडू
रायुडू ने अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत हैदराबाद के लिए की इसके बाद वे आंध्र के लिए खेले। आइसीएल से वापसी के बाद वो बड़ौदा के लिए खेलने लगे।

आइसीएल में खेलने पर लगा बैन 
साल 2007 में शुरू हुए बागी क्रिकेट टूर्नामेंट आइसीएल से भी रायुडू का नाता रहा। वे इस टूर्नामेंट में खेलने वाले सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक थे, जहां उन्होंने हैदराबाद हीरोज और ICL India XI के लिए खेला। इस लीग का बीसीसीआइ ने विरोध किया था। लिहाजा आइसीएल खेलने को लेकर उनपर बैन लगा दिया गया। 

बीसीसीआइ से सुलह और आइपीएल से जुड़े
साल 2009 में बीसीसीआइ ने आइसीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों से शर्तों के साथ बैन वापस ले लिया। इसके बाद रायुडू को आइपीएल में खेलने का मौका मिल गया। रायुडू इसके बाद आइपीएल में मुंबई और चेन्नई के लिए खेले। आइपीएल में उन्होंने 147 मैच में 28.7 की औसत से 3300 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक शतक और 18 अर्धशतक लगाए। 

लास्ट-बॉल हीरो
आइपीएल में मुंबई के लिए खेलते हए रायुडू ने शानदार प्रदर्शन किया। इससे उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। मुंबई के लिए उन्होंन नंबर 3 से नंबर 8 के क्रम पर बल्लेबाजी की और कई महत्वपूर्ण मैच जिताए। आइपीएल 2011 के 70 वें मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने 7 विकेट पर 175 रन बनाए। इसके बाद मुंबई 18 वें ओवर में 5 खोकर 137 पर संघर्ष कर रही थी। रायुडू बल्लेबाजी के लिए आए तो 15 गेंदों पर जीत के लिए 38 रनों की जरूरत थी। रायुडू के जेम्स फ्रैंकलिन क्रीज पर थे। लक्ष्मीपति बालाजी आखिरी ओवर करने आए। जीत के लिए मुंबई को 21 बनाने थे। फ्रेंकलिन ने सिंगल लेने से पहले पहली चार गेंदों पर चार चौके लगाए। जीत के लिए अंतिम गेंद पर चार रन चाहिए थे। इस दौरान रायुडू ने अंतिम गेंद पर छक्का लगाकर जीत दिला दी और हिरो बनगए। 

प्रभावशाली वनडे डेब्यू
प्रथम श्रेणी में पदार्पण के बाद उन्हें भारत के लिए खेलने के लिए एक दशक से अधिक इंतजार करना पड़ा। रायुडू को साल 2013 में आखिरकार जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे में पदार्पण करने का मौका मिला। विराट कोहली के नेतृत्व में खेलते हुए रायुडू ने नाबाद 63 रन की पारी खेली। इससे जिम्बाब्वे को भारत तीन विकेट से हराने में सफल रहा। इस दौरान रायुडू अपने पहले मैच में भारत के लिए अर्धशतक लगाने वाले 12 वें खिलाड़ी बने।  

बेहतरीन वनडे रिकॉर्ड
रायुडू ने इसके बाद 55 वनडे खेले 47.06 की औसत से 1694 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 10 अर्धशतक लगाए। T 20 में उन्हें 6 मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 28.7 की औसत से 42 रन बनाए। 


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