इन घरेलू प्रतिभाओं को आइपीएल-9 में किया जा रहा है नजरअंदाज
घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाडि़यों को मौजूदा टूर्नामेंट में फ्रेंचाइजियों द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) को देश में घरेलू प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। मगर घरेलू टूर्नामेंटों में उच्चस्तरीय प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाडि़यों के एक्शन की कमी आइपीएल-9 में खल रही है। एक तरफ अनकैप्ड खिलाडि़यों को मौका मिला है, जिन्होंने बड़ा प्रभाव छोड़ा है। वहीं घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाडि़यों को मौजूदा टूर्नामेंट में फ्रेंचाइजियों द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। कुछ खिलाड़ी टीम की जरूरत के हिसाब से फिट नहीं बैठ रहे तो कुछ को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है। आइए एक नजर डालते हैं ऐसे कुछ खिलाड़ियों पर-
मंदीप सिंह
मंदीप सिंह 2015 आइपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से जुड़े और 2016 सत्र के लिए उनका करार बढ़ाया गया। पंजाब के स्टाइलिश दाएं हाथ के बल्लेबाज टीम की रणनीति के हिसाब से अंतिम एकादश में जगह बनाने में विफल रहे। उन्होंने इस सत्र में सिर्फ एक बार अंतिम एकादश में जगह मिली और उसमें भी उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। मंदीप को एक मैच के बाद टीम में जगह नहीं मिली। सचिन बेबी और सरफराज खान को उन पर तरजीह दी गई। मंदीप इस सत्र में घरेलू क्रिकेट के शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में शुमार हैं। उन्होंने 65.66 की औसत से 394 रन बनाए। वह इस वर्ष की विजय हजारे ट्रॉफी के शीर्ष स्कोररों में शामिल रहे।
नाथु सिंह
राजस्थान के तेज गेंदबाज नाथु सिंह इस वर्ष आइपीएल नीलामी में आश्चर्यजनक पसंद बने। 10 लाख के आधार मूल्य की राशि वाले नाथु को 3.2 करोड़ रुपए में मुंबई इंडियंस द्वारा खरीदा गया। हालांकि उन्हें अब तक एक मैच भी खेलने का मौका नहीं मिला है। मुंबई इंडियंस को अंतिम एकादश में फेरबदल नहीं करने के लिए जाना जाता है, लेकिन नाथु सिंह को बेंच पर बिठाए रखना भी सही नहीं नजर आता। नाथु सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शामिल थे। उन्होंने 6 मैचों में 5 की इकॉनोमी से 14 विकेट चटकाए। केरल के खिलाफ 13 रन देकर चार विकेट चटकाना नाथु का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। अच्छी गति और स्विंग कराने की क्षमता रखने वाले नाथु सिंह नई गेंद से मॅक्लेनाघन का समर्थन करने के लिए आदर्श साबित हो सकते हैं।
शार्दुल ठाकुर
मुंबई के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर इस समय घरेलू सर्किट के शीर्ष गेंदबाजों में से एक हैं। इस वर्ष रणजी ट्रॉफी में वह मुंबई के लिए शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने 11 मैचों में 2.75 की औसत से 41 विकेट चटकाए। प्रमुख गेंदबाज के रूप में ठाकुर घातक गेंदबाज साबित हो सकते हैं। वह 2015 सत्र से किंग्स इलेवन पंजाब के साथ हैं और दो सत्र में उन्हें सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला। हाल ही में ठाकुर ने लगातार बेंच पर बैठने को लेकर सोशल मीडिया पर निराशा व्यक्त की थी। घरेलू स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया। 2014-15 सत्र में 20.81 की औसत से 48 विकेट लेने वाले शार्दुल संयुक्त रूप से शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। अब टीम ने उन्हें रिलीज कर दिया है।
उन्मुक्त चंद
दिल्ली के लिए लगातार रनों का योगदान देने वाले उन्मुक्त चंद ने 2012 आइसीसी अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए खिताब जीता था। उन्होंने तब और सुर्खियां बटोरी जब 17 वर्ष की उम्र में रेलवे के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में 151 रन की पारी खेली। उन्मुक्त चंद पिछले वर्ष मुंबई इंडियंस से जुड़े और उन्हें कुछ मौके भी मिले। इस वर्ष उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्मुक्त को आइपीएल-9 में अभी तक मौका नहीं मिला है। बता दें कि दिल्ली के लिए इस सत्र में वह दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे। उन्होंने 9 मैचों में 276 रन बनाए। गुजरात के खिलाफ उन्मुक्त ने सिर्फ 58 गेंदों में 103 रन की पारी खेली। वह पूरे टूर्नामेंट में शीर्ष फॉर्म में नजर आए। विजय हजारे ट्रॉफी में उन्मुक्त दिल्ली के शीर्ष स्कोरर रहे। उन्होंने 8 मैचों में 56.83 की औसत से 341 रन बनाए।
इरफान पठान
राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की अंतिम एकादश से इरफान पठान का बाहर होना सत्र का सबसे बड़ा आश्चर्य लगा। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज बनकर आइपीएल खेलने पहुंचे इरफान पठान को अब तक सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला। उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मैच में मौका मिला जहां उन्हें सिर्फ एक ओवर डालने का मौका मिला। टीम से बाहर होने की उम्मीद शायद पठान को भी न हो। आरपीएस की टीम इस समय खराब दौर से गुजर रही है और उसके ऑलराउंडर्स भी प्रदर्शन करने में फ्लॉप हुए हैं, ऐसे में पठान की वापसी के कयास लगने शुरू हो गए हैं। मगर उन्हें दोबारा खेलने का मौका अब तक नहीं मिला है। इरफान ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 10 मैचों में 15.76 की औसत से 17 विकेट चटकाए। असम के खिलाफ उन्होंने पांच विकेट चटकाए। राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की टीम टूर्नामेंट से लगभग बाहर हो चुकी है और अब यह देखना रोचक होगा कि क्या इरफान को शेष मैचों में आजमाया जाएगा।