'2014 टी20 विश्व कप फाइनल के बाद लोगों ने घर पर पत्थर फेंके थे, मुझे लगा मेरा करियर खत्म'
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने कहा साल 2014 फाइनल में खराब बल्लेबाजी के बाद उनको लगा था कि करियर खत्म हो गया।
मुंबई, आईएएनएस। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने बुधवार को इस बात का खुलासा किया कि साल 2014 में ही उनको लगा था कि करियर खत्म हो गया। आईसीसी टी20 विश्व कप के फाइनल में युवराज ने बेहद धीमी पारी खेली थी और श्रीलंका के हाथों हारने से दूसरी बार भारत के विश्व विजेता बनने का सपना टूटा था।
युवराज ने साल 2014 के आईसीसी टी20 विश्व कप में 21 गेंद खेलकर महज 11 रन बनाए थे और भारतीय टीम निर्धारित 20 ओवर में महज 4 विकेट पर 130 रन ही बना पाई थी। श्रीलंका ने 4 विकेट गंवाकर ही यह लक्ष्य आसानी से हासिल कर टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था।
युवराज ने यूट्यूब पर बात करते हुए बताया, मैं हमेशा ही उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं (अपनी उस धीमी पारी की वजह से)। मैंने अच्छा नहीं खेला था। दुर्भाग्य से वह विश्व कप का फाइनल मैच था। अगर यह कोई और मैच होता तो इसको लेकर बातें इतनी ज्यादा नहीं होती। जब मैं घर वापस गया, मुझे लग रहा था मैं कोई खलनायक हूं। मुझे याद है एयरपोर्ट से बाहर आते समय, किस्मत से मैंने हेड फोन लगा रखा था। मेरे उपर मीडिया द्वारा प्रहार किया गया था वो लोग मुझे चिल्ला रहे थे।
लोगों ने घर पर पत्थर मारे थे
"हां, मेरे घर पर भी कुछ पत्थर फेके गए थे। मैं कोई मुजरिम जैसा महसूस कर रहा था, जैसे किसी ने किसी को गोली मार दी हो और उनको जेल भेजा जा रहा हो। मैंने इससे वापसी की। मुझे आज भी याद है कि मैं उस वक्त कैसा महसूस किया था।"
मेरा करियर खत्म हो गया
"मुझे याद है सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया था उस दिन और लोगों ने वाकई समझा। मैं घर वापस गया और याद है कि मेरे पास छह छक्के (2007 टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ) लागने वाला बल्ला था। मैंने अपने भारतीय टीम वाली टोपी उस छह छक्के वाले बल्ले पर रखा और सोच लिया था कि आज मेरा करियर खत्म हो गया।"