इस पूर्व महान पाक बल्लेबाज ने खोली पीसीबी की पोल, आप भी जानिए क्या हुआ
पूर्व पाक बल्लेबाज यूनुस खान पीसीबी से बेहद खफा हैं।
कराची। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज यूनुस खान पीसीबी द्वारा उनके लिए आयोजित की जा रही विदाई समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि अब इस समारोह का कोई महत्व नहीं है। अब इसका क्या फायदा जबकि मैं और मिस्बाह उल हक इस वर्ष मई में ही रिटायर हो गए थे। दूसरे देशों में खिलाड़ियों के रिटायर होने के तुरंत बाद ही विदाई समारोह आयोजित की जाती है। यूनुस खान ने ये बातें एक टीवी चैनल पर कही जब उनसे पीसीबी द्वारा आयोजित विदाई समारोह के बारे में पूछा गया। पीसीबी ने यूनुस खान, मिस्बाह उल हक और शाहिद अफरीदी के लिए इस विदाई समारोह के आयोजन की बात कही है।
बोर्ड ने किया बुरा बर्ताव
यूनुस खान ने कहा कि अब मेरे लिए इस विदाई समारोह का कोई महत्व नहीं है। पीसीबी की तरफ से मुझे इस समारोह में शामिल होने के लिए फोन आया और ये भी कहा गया कि आपको बड़े अमाउंट का चेक भी दिया जाएगा लेकिन मैंने फैसला किया कि मैं इस समारोह में नहीं जाउंगा। इसके पीछे की वजह ये है कि जो भी मैंने पीसीबी में देखा है और अपने खेलने के दौरान मैंने जो फेस किया है वो मैं कभी नहीं भूल सकता। पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी ने व्यक्तिगत तौर पर पाकिस्तान के तीन पूर्व दिग्गजों को विदाई समारोह के लिए निमंत्रण किया था।
अफरीदी का भी समारोह में जाना मुमकिन नहीं
अब ये साफ हो गया है कि यूनुस इस समारोह में नहीं जाएंगे साथ ही इस बात की भी उम्मीद जताई जा रही है कि शाहिद अफरीदी भी इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। खबरों की मानें तो अफरीदी वर्ल्ड इलेवन का मुकाबला देखने के लिए लाहौर जा रहे हैं। यूनुस ने कहा कि वो उस विदाई समारोह से खुश हैं जो वेस्टइंडीज में उन्हें आखिरी टेस्ट मैच के बाद दी गई थी। ये मेरे लिए पर्याप्त है लेकिन मेरे लिए गर्व और आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। मेरे हिसाब से पीसीबी ने टीम के कई खिलाड़ियों को उनके कद से हिसाब से सम्मान नहीं दिया जिसके वो हकदार थे।
पीसीबी ने काटी 45 दिन की फीस
यूनुस ने बोर्ड पर आरोप लगाया कि उनकी 45 दिनों की फीस काट ली गई। मैं 14 मई को रिटायर हुआ और मेरा सेंट्रल कांन्ट्रैक्ट जून के आखिरी तक था। मैंने बोर्ड के अपने फैसले की जानकारी दे दी थी लेकिन मैंने ये नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा किया जाएगा। किसी भी लिहाज से सीनीयर खिलाड़ी के साथ नहीं होना चाहिए था और क्या यही सम्मान था बोर्ड का मेरे प्रति। यही नहीं मिस्बाह के साथ भी मेरी वजह से ऐसा किया गया।