यो-यो टेस्ट टीम में चयन के लिए एकमात्र मापदंड नहीं होना चाहिए- मो. कैफ
भारतीय टीम में एंट्री के लिए अब किसी भी खिलाड़ी का यो-यो टेस्ट में पास होना जरूरी है।
भुवनेश्वर, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मो. कैफ ने यो-यो टेस्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि टीम में चुने जाने के लिए ये एकमात्र मापदंड नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम में चयन के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाए जाने की जरूरत है। भारतीय टीम के लिए यो-यो टेस्ट का बेंचमार्क 16.1 रखा गया है और जो भी खिलाड़ी इस टेस्ट को पास नहीं कर पाता उसे टीम में जगह नहीं दी जाती है। कैफ ने कहा कि फिटनेस जरूरी है और ये देखने को भी मिल रहा है कि भारतीय टीम की फील्डिंग में काफी सुधार हुआ है, लेकिन यहां पर एक संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है।
यो-यो टेस्ट के बारे में कैफ ने आगे कहा कि अगर एक खिलाड़ी रन बना रहा है और विकेट भी ले रहा है तो उसे सिर्फ यो-यो टेस्ट पास नहीं करने पर टीम में शामिल नहीं किए जाने का फैसला गलत है। अभी हाल ही में एक बेहतरीन उदाहरण देखने को मिला जब अंबाती रायडू ने आइपीएल में 600 से ज्यादा रन बनाए लेकिन इस टेस्ट में पास नहीं होने की वजह से उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया था। जब अंबाती ने इस टेस्ट को पास कर लिया तब उन्हें एशिया कप टीम में जगह दी गई। हमारे वक्त में टीम में बीप टेस्ट किया जाता था जिससे कि खिलाड़ियों की फिटनेस का अंदाजा लगाया जा सके लेकिन किसी को टीम से बाहर नहीं किया जाता था। हां उस खिलाड़ी को कहा जाता था कि आपकी फिटनेस अच्छी नहीं है और अगले कुछ महीनों में आप उसमें सुधार करें।
कैफ ने वनडे क्रिकेट रिषभ पंत के फील्डिंग कराने पर भी हैरानी जाहिर की। उन्होंने कहा कि रिषभ विकेटकीपर हैं और उनसे हर जगह फील्डिंग कराई गई। मुझे लगता है कि वो इससे खुश नहीं थे। विराट के बारे में कप्तान ने कहा कि फिटनेस में उन्होंने उदाहरण सेट किया है और टीम उनकी कप्तानी में अच्छा कर रही है।