एक बार फिर भारतीय क्रिकेट को गांगुली और द्रविड़ की साझेदारी से होगा फायदा- लक्ष्मण
लक्ष्मण ने कहा-- दोनों के बीच की साझेदारी अहम है। यदि भारतीय टीम को विश्व में सबसे मजबूत बनना है तो कप्तान BCCI अध्यक्ष और NCA प्रमुख की टीम का तालमेल निर्णायक भूमिका निभाएगा।
मुंबई, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के दो मजबूत स्तंभ रहे पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और मध्यक्रम में दीवार की तरह टीम को विरोधी गेंदबाजों से बचाने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में एक बार फिर भारत की कमान है। इस बार दोनों मैदान पर नहीं बल्कि मैदान के बाहर भारतीय क्रिकेट को संवारने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
बतौर क्रिकेटर साथ खेले सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ अब अपनी दूसरी पारी में बीसीसीआइ में अहम जिम्मेदारियों पर हैं। गांगुली बीसीसीआइ के अध्यक्ष हैं वहीं द्रविड़ राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि दोनों की यह साझेदारी भारतीय क्रिकेट के लिए अहम साबित होगी।
भारतीय क्रिकेट के प्रशासन में गांगुली और द्रविड़ की साझेदारी पर लक्ष्मण ने कहा-- दोनों के बीच की साझेदारी अहम है। यदि भारतीय टीम को विश्व में सबसे मजबूत बनना है तो टीम के कप्तान, बीसीसीआइ अध्यक्ष और एनसीए प्रमुख की टीम का तालमेल निर्णायक भूमिका निभाएगा। इससे पहले गांगुली और द्रविड़ ने लॉर्ड्स में 1996 में साथ में डेब्यू किया था।
सौरव और द्रविड़ की जोड़ी कमाल
पूर्व कप्तान गांगुली को टीम बनाने के लिए जाना जाता था और द्रविड़ टीम हित में सामने आकर योगदान देने के लिए मशहूर थे। लंबे समय तक द्रविड़ ने गांगुली की कप्तानी में विकेटकीपर की भूमिका निभाई और एक उनको टीम में एक एक्सट्रा बल्लेबाज या गेंदबाज को शामिल करने का विकल्प दिया।
सौरव और द्रविड़ की साझेदारी
साल 1996 में सौरव और द्रविड़ दोनों ने एक साथ भारत के लिए डेब्यू किया था। दोनों ने भारत के लिए लगभग डेढ दशक तक अपनी सेवाएं दी। इस दौरान पहले गांगुली की कप्तानी में द्रविड़ ने खेला और फिर इसके बाद द्रविड़ को जब टीम की कप्तानी मिली तो गांगुली ने उनके अंदर खेला। साल 2003 के आईसीसी विश्व कप में द्रविड़ ने गांगुली की कप्तानी में खेला तो साल 2007 के विश्व कप में द्रविड़ ने कप्तानी की और गांगुली बतौर खिलाड़ी मैदान पर उतरे।