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सहवाग ने ICC पर किया तंज, '4 दिन की चांदनी होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं'

भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कुछ इस अंदाज में टेस्ट क्रिकेट को पांच की जगह छोटा करके चार दिनों का करने को लेकर कटाक्ष किया है।

By Viplove KumarEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 12:12 PM (IST)
सहवाग ने ICC पर किया तंज, '4 दिन की चांदनी होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं'
सहवाग ने ICC पर किया तंज, '4 दिन की चांदनी होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं'

मुंबई, प्रेट्र। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल टेस्ट मैच को पांच दिन की जगह चार दिन का करने पर विचार कर रही है। इसको लेकर तमाम दिग्गजों के बयान आ रहे हैं। पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इस पर अपने ही अंदाज में राय दी है। 'जल के बाहर मछली मरी हुई मछली है', भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कुछ इस अंदाज में टेस्ट क्रिकेट को पांच की जगह छोटा करके चार दिनों का करने को लेकर कटाक्ष किया है।

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सहवाग ने टेस्ट को नया रूप देने की आइसीसी की योजना का जिक्र करते हुए कहा है कि नवाचार का मतलब टेस्ट क्रिकेट के प्रारूप की आत्मा के साथ छेड़छाड़ करना नहीं होना चाहिए। बीसीसीआइ पुरस्कार समारोह में सहवाग ने 'एमएके पटौदी स्मारक व्याख्यान' में हिंदी मुहावरों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि खेल के सबसे लंबे प्रारूप में नयापन लाना डे-नाइट टेस्ट मैच तक सीमित रखना चाहिए।

सहवाग ने अपने तरीके से कहा, 'चार दिन की चांदनी होती है, टेस्ट मैच नहीं.. जल की मछली जल में अच्छी है, बाहर निकालोगे तो मर जाएगी। टेस्ट क्रिकेट को चंदा मामा के पास ले जा सकते हैं। हम डे-नाइट टेस्ट खेल रहे हैं, लोग शायद ऑफिस के बाद मैच देखने के लिए आएं। नयापन आना चाहिए, लेकिन पांच दिन में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।'

आइसीसी टेस्ट क्रिकेट को चार दिन का करने का प्रस्ताव ला रहा है जिस पर मार्च में क्रिकेट समिति की बैठक में चर्चा होगी। इसकी विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, रवि शास्त्री, रिकी पोंटिंग और इयान बॉथम जैसे मौजूदा और पूर्व शीर्ष खिलाडि़यों ने आलोचना की है।सहवाग ने टेस्ट को रोमांस का तरीका करार देते हुए कहा कि इंतजार करना इस प्रारूप की खूबसूरती है।

उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा बदलाव का स्वागत किया है, लेकिन पांच दिवसीय टेस्ट मैच एक रोमांस है, जहां गेंदबाज बल्लेबाज को आउट करने के लिए योजना बनाता है, बल्लेबाज हर गेंद को कैसे मारूं, यह सोचता है और स्लिप में खड़ा क्षेत्ररक्षक गेंद का ऐसे इंतजार करता है जैसे प्यार में खड़ा लड़का सामने से हां का इंतजार करता है, सारा दिन इंतजार करता है कि कब गेंद उसके हाथ में आएगी और कब वह लपकेगा।'

इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में थोड़ा नयापन जरूर आना चाहिए। उन्होंने कहा, 'जर्सी के पीछे नंबर लिखने का प्रयोग अपनी जगह ठीक है, लेकिन डायपर और पांच दिवसीय क्रिकेट तभी बदलने चाहिए जब वे खराब हों। मैं कहूंगा कि टेस्ट क्रिकेट 143 साल पुराना युवा है और आज की भारतीय टीम की तरह फिट है, उसमें एक आत्मा है और इस आत्मा की उम्र किसी भी कीमत पर छोटी नहीं होनी चाहिए।'


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