धौनी को चाहने वाले गेंदबाज ने कहा, राहुल द्रविड़ से मुश्किल बल्लेबाज कोई नहीं
भारतीय तेज गेंदबाज वरुण एरोन ने भी कहा है कि उनके करियर में द्रविड़ जैसा मुश्किल बल्लेबाज दूसरी नहीं आया।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को द वॉल के नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है। द्रविड़ की तकनीक को भेदना बड़े बड़े धुरंधर गेंदबाजों के बस में नहीं था। पाकिस्तान के शोएब अख्तर से ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा तक द्रविड़ को अपने समय का सबसे मुश्किल बल्लेबाज मानते हैं। भारतीय तेज गेंदबाज वरुण एरोन ने भी कहा है कि उनके करियर में द्रविड़ जैसा मुश्किल बल्लेबाज दूसरी नहीं आया।
झारखंड से खेलने वाले तेज गेंदबाज वरुण एरोन पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया की तरफ से भी खेल चुके हैं। धौनी को एरोन काफी पसंद करते हैं लेकिन उनके करियर के सबसे मुश्किल बल्लेबाज द्रविड़ ही रहे हैं।
राजस्थान रॉयल्स के फेसबुक लाइव पर वरुण ने कहा, "मैं कहना चाहूंगा कि मैं अब तक जितने भी बल्लेबाजों को गेंदबाजी की है उसमें से राहुल द्रविड़ सबसे मुश्किल रहे हैं। नेट्स में जितनी बार भी मैं उनके खिलाफ गेंदबाजी करने पहुंचा तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मैं बस 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ही गेंदबाजी कर रहा हूं। यह ऐसा कुछ है जो वो आपके साथ किया करते थे।"
"मैंने कभी भी ऐसे किसी बल्लेबाज के खिलाफ गेंदबाजी नहीं की जो आपको इतना ज्यादा थका देता हो और ऐसे खेलता हो जैसे कि आप उनके सामने बस यूं की हाथ में गेंद पकड़कर थ्रो डाउन कर रहे हों। उनके जैसे किसी को गेंद करना एक गेंदबाज के तौर पर बहुत ही ज्यादा चिढ़ाने वाला होता है।"
वरुण ने कहा कि सचिन तेंदुलकर, द्रविड़, वीवीएल लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गजों के साथ बस में सफर करना उनके लिए बहुत ही गर्व की बात रही। साल 2011 में वरुण ने मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था।
"मुझे लगता है किसी भी क्रिकेटर के करियर का सबसे यादगार पल उसको भारतीय टीम का टेस्ट कैप मिलना होता है। उसके बाद कुछ भी मायने नहीं रखता को वो क्या करता है यह उसके करियर का सबसे बेहतरीन और बड़ा पल होता है।"
"मुझे लक्ष्मण ने टेस्ट की कैप दी थी और मैं बहुत ही भाग्यशाली थी कि सचिन, द्रविड़, वीरू के साथ खेलने का मौका मिला। सबसे बेहतरीन पल वो था जब मैं पहली दिन की प्रैक्टिस के लिए टीम की बस पर चढ़ा था और उन सभी के साथ चल रहा था जिनको बड़े होते हुए खेलते देखा था। उस बस का हिस्सा होना वाकई काफी खास था।"