एशेज सीरीज में अंपायरिंग नितिन का सपना, गेंद को संभालना सबसे बड़ी चुनौती होगी
मेनन ने कहा कि मुख्य चुनौती गेंद को संभालना होगा यह चुनौती टेस्ट मैचों में अधिक होगी। शुरुआत में नियमों को लागू करने से पहले हम खिलाडि़यों को चेतावनी देंगे।
नई दिल्ली, पीटीआई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) के अंपायरों के एलीट पैनल के सबसे युवा सदस्य नितिन मेनन एशेज सीरीज को सर्वोच्च चुनौती मानते हैं। उनका कहना है कि मौजूदा हालात में सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी जानबूझकर या अनजाने में गेंद पर लार नहीं लगाएं।
मेनन ने तीन साल पहले अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और सोमवार को 12 सदस्यीय एलीट पैनल में उनका प्रवेश सोने पर सुहागा रहा। कोविड-19 महामारी के बीच एलीट पैनल का हिस्सा बने मेनन को नहीं पता कि उन्हें कब अंपायरिंग का मौका मिलेगा, लेकिन उन्हें पता है कि आइसीसी के मौजूदा दिशा-निर्देशों को लागू करना बड़ी चुनौती होगी।
मेनन ने कहा कि मुख्य चुनौती गेंद को संभालना होगा, यह चुनौती टेस्ट मैचों में अधिक होगी। शुरुआत में नियमों को लागू करने से पहले हम खिलाडि़यों को चेतावनी देंगे, जैसा कि हम तब करते हैं जब कोई खिलाड़ी खतरनाक तरीके से पिच पर दौड़ता है।
मेनन एलीट पैनल में शामिल होने वाले तीसरे भारतीय
मेनन आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल होने वाले तीसरे भारतीय अंपायर हैं। इससे पहले पूर्व कप्तान श्रीनिवास वेंकटराघवन और सुंदरम रवि को आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल किया गया था। गौरतलब है कि पिछले साल तक रवि एलीट पैनल में थे लेकिन पिछले साल उन्हें इससे बाहर कर दिया गया था।
मेनन बने एलीट पैनल से सबसे युवा अंपायर
मध्य प्रदेश के नितिन मेनन आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल किए जाने वाले अब तक के सबसे युवा अंपायर बन गए हैं। मेनन से पहले इंग्लैंड के 40 वर्षीय माइकल गफ मौजूदा पैनल में शामिल सबसे युवा अंपायर थे। भारत के घरेलू क्रिकेट में डेब्यू करने वाले मेनन ने खराब प्रदर्शन और चोट की वजह से 22 साल की उम्र में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था।