IPL 2020 में गेंद व बल्ले के बीच हो रहा है जोरदार संघर्ष- हर्षा भोगले
हर्षा भोगले ने कहा कि सच कहूं तो मुझे डर लगने लगा था कि एक दिन बाउंड्री लाइन 30 यार्ड सर्कल के बहुत नजदीक तक पहुंच जाएंगी। मगर दुबई में हमें 80 मीटर की बाउंड्री लाइन मिली तो अबूधाबी में भी ये दूरी 70 मीटर से अधिक की ही रही।
(हर्षा भोगले का कॉलम)
कई साल तक जिस तरह प्रोड्यूसर अपनी फिल्म की अच्छी स्टोरी को नजरअंदाज कर बॉक्स ऑफिस स्टार के पीछे भागते रहे थे, ठीक उसी तरह टी-20 क्रिकेट में गेंद और बल्ले के बीच के संघर्ष को छोड़कर पावर हिटिंग यानी चौकों और छक्कों के खेल को तवज्जो दी जाती रही। मगर इस साल अभूतपूर्व हालात के चलते टूर्नामेंट के अधिकतर मैच दुबई और अबूधाबी में खेले जा रहे हैं, जहां हमें एक बार फिर बड़े मैदान देखने को मिले।
सच कहूं तो मुझे डर लगने लगा था कि एक दिन बाउंड्री लाइन 30 यार्ड सर्कल के बहुत नजदीक तक पहुंच जाएंगी। मगर दुबई में हमें 80 मीटर की बाउंड्री लाइन मिली तो अबूधाबी में भी ये दूरी 70 मीटर से अधिक की ही रही। इन मैदानों पर छक्के मारना फिर से एक उपलब्धि लगने लगा। ये देखना और भी सुखद रहा कि चेन्नई और दिल्ली के मैच में करीब 37 ओवरों के खेल में महज तीन ही छक्के लगे।
इन बदले हालात में कई चीजें दोबारा से देखने को मिलीं। बल्लेबाज दो या कभी कभी तीन रन भी दौड़कर पूरे करने लगे। केएल राहुल, रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल ने पारी को संवारा और फिर बेहतरीन नतीजे हासिल किए। यहां मैंने संजू सैमसन की शानदार पारी का जिक्र इसलिए नहीं किया क्योंकि वह पारी शारजाह में खेली गई थी, जहां का पैमाना अलग है।
पिचों को करीब दो महीने तक अच्छी परिस्थिति में रखने का ये मतलब हुआ कि हमें सतह पर अधिक घास देखने को मिलेगी। यही वजह है कि नई गेंद करामात करती नजर आने लगी है और ये बल्लेबाजों के लिए एक चुनौती की तरह है। जरा रबादा, नोत्र्जे, बुमराह, पैटिंसन, कॉटरेल और खासतौर पर शमी को देखिए। ये गेंदबाज बेहतरीन लेंग्थ पर गेंद डालकर बल्लेबाजों पर आक्रमण कर रहे हैं न कि उनसे बचने के लिए रक्षात्मक रवैया अपना रहे हैं। मुझे नहीं पता कि इतनी गर्मी से ये पिचें कमजोर हो जाएंगी या नहीं लेकिन पहले हफ्ते के खेल ने मुझे ऐसा कुछ दिया है जिसकी में हमेशा चाह रखता था और वो है 165 से 170 का स्कोर और इन सबके बीच गेंद और बल्ले का जोरदार संघर्ष।