सिडनी टेस्ट मैच में दो स्पिनर के साथ मैदान पर उतरने को लेकर गांगुली ने भारत को दी अहम सलाह
गांगुली ने कहा कि सिडनी टेस्ट के लिए घोषित 13 सदस्यीय टीम में हार्दिक पांड्या को शामिल ना करना चौंकने वाला फैसला है।
सौरव गांगुली का कॉलम :
एमसीजी में शानदार जीत के बाद भारत अब सीरीज के आखिरी टेस्ट की ओर देख रहा है। यह दोनों टीमों के लिए बड़ा मैच है। खासकर भारत के लिए, जो पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने की दहलीज पर खड़ा है। मेलबर्न में भारत पांचों दिन ऑस्ट्रेलिया पर हावी रहा और दमदार जीत हासिल की। संयोग से टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम प्रत्येक मैच में आगे रही है।
यह जरूरी नहीं है कि टॉस जीतने वाली टीम को सिडनी में भी बड़ा फायदा मिले। एससीजी पिच के बारे में बहुत सी बातें हैं। मुझे बताया गया है कि इस पिच पर घास का थोड़ा सा हिस्सा है। एमसीजी का विकेट सूखा था, लेकिन खेलने लायक नहीं था। भारत को दूसरा स्पिनर शामिल करने से पहले बहुत सावधानी बरतनी होगी। ऑस्ट्रेलिया ने एक और ऑलराउंडर मार्नस लाबुशेन को शामिल किया है। मैंने उन्हें वहां स्पिनर के तौर पर खेलते हुए नहीं देखा। वह बल्ले से भी अच्छा करते हैं इसलिए उन्हें अंतिम एकादश में रखा जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया को अपना शीर्ष क्रम सही करना होगा। आरोन फिंच के बारे में बहुत सारे सवाल पूछे जा रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि उनकी तकनीक टेस्ट के लिए ठीक है। हालांकि, उनके लिए यह राहत की खबर है कि इशांत चोट के चलते सिडनी टेस्ट में शामिल नहीं है। फिंच इशांत के सामने असहज दिखे और उन्हें अंदर आती गेंदों से परेशानी हुई है।
अश्विन को फिट करने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। अगर भारत किसी दूसरे स्पिनर को शामिल करना चाहता है तो उसे अश्विन की फिटनेस पर 100 प्रतिशत भरोसा करना होगा, क्योंकि अगर मैच के दौरान कुछ भी गलत हुआ तो भारत तीन गेंदबाजों के साथ मैच में रह जाएगा। मैं हैरान हूं कि भारत की 13 सदस्यीय टीम में हार्दिक पांड्या का नाम नहीं है। वह बल्ले और गेंद दोनों के साथ अपना योगदान देते हैं और कोहली के पास तीसरे सीमर का भी विकल्प रहता। इशांत के अनफिट होने के बाद मुझे यह भी आश्चर्य है कि भुवनेश्वर कुमार को क्यों नहीं लिया गया।
अश्विन और इशांत की चोटों ने भारत के अंतिम एकादश के संयोजन को सिरदर्द बना दिया है। लोकेश राहुल की 13 में वापसी के साथ हनुमा विहारी नंबर छह पर वापस लौट जाएंगे क्योंकि रोहित शर्मा स्वदेश लौट चुके हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रही है। विलियमसन, कोहली, स्मिथ, वार्नर, रूट, बटलर, और बेयरस्टो सहित कई क्रिकेटर टी-20 भी खेलते हैं, लेकिन लंबे प्रारूप में समायोजन कर लेते हैं। ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के साथ समस्या यह है कि उनकी रक्षात्मक तकनीक खराब हो गई है। मेरा मानना है कि खिलाडि़यों को खेल के सभी प्रारूपों से समायोजन बैठना चाहिए।