T20 वर्ल्ड कप पर भी संकट के बादल, स्थिति नहीं सुधरी तो बदल सकता है समय
आइपीएल के बाद इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के बाद इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आयोजक क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) भले ही इस पर कुछ नहीं कह रहे हों लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी ही बन रही हैं।
इस टूर्नामेंट का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होना है। यही नहीं अगले साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में फिर टी-20 विश्व कप आयोजित होना है। दुनिया के बड़े क्रिकेट बोर्ड पहले ही हर साल आइसीसी टूर्नामेंट से इन्कार करते रहे हैं। चैंपियंस ट्रॉफी के खत्म होने के कारण सभी बोर्ड लगातार दो साल में दो टी-20 विश्व कप आयोजित करने को तैयार हुए थे।
भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे क्रिकेट बोर्ड को द्विपक्षीय सीरीज होने से ज्यादा आय होती है और वे हर चार साल में ही टी-20 व वनडे विश्व कप खेलना चाहते हैं जबकि आइसीसी चाहती है कि हर साल उसका एक टूर्नामेंट आयोजित हो। उसने अगले कैलेंडर चक्र (2023-31) में ऐसी व्यवस्था भी की है कि हर साल कम से कम पुरुषों की टीमों का एक आइसीसी टूर्नामेंट जरूर हो लेकिन किसी भी बड़ा देश ने उसके आयोजन में अपनी रुचि नहीं दिखाई है।
बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तो किसी को कुछ नहीं पता है कि क्रिकेट कब से शुरू होगा और उसकी क्या स्थिति होगी। हमें और आइसीसी को फिर से भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) तैयार करना होगा। यह बहुत पेचीदा स्थिति है क्योंकि आइसीसी से ज्यादा देश के बोर्डो की माली हालत पर ध्यान देना होगा क्योंकि उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेटरों को धन देना होता है। घरेलू टूर्नामेंट कराने होते हैं। ऐसे में सभी क्रिकेट बोर्ड चाहेंगे कि उनकी ज्यादा से ज्यादा द्विपक्षीय सीरीज हों।
जहां तक भारत की बात है तो वह हर कीमत पर चाहेगा कि आइपीएल का इस साल जरूर आयोजन हो क्योंकि उसके बिना उसे आगे के क्रिकेट को चलाने में दिक्कत होगी। एक रास्ता यह बन रहा है कि भारत अगले साल अपनी मेजबानी में होने वाले टी-20 विश्व कप छोड़ दे और ऑस्ट्रेलिया अगले साल टी-20 विश्व कप कराए जबकि भारत इस साल आइपीएल का आयोजन करा ले। हालांकि इन सब बातों पर अभी चर्चा होनी है। फिलहाल तो सबकुछ अभी भगवान भरोसे है।