सुरेश रैना जम्मू-कश्मीर में खोलना चाहते हैं क्रिकेट अकेडमी, कहा- सरकार के सहयोग बिना संभव नहीं
सुरेश रैना प्रदेश के दूरदराज के इलाकों की प्रतिभा को उचित मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने सितंबर में प्रदेश का एक सप्ताह का दौरा भी किया था। इस दौरान उपराज्यपाल से मिलकर प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को आगे बढ़ाने में सहयोग की अपनी इच्छा जाहिर की थी।
जागरण संवाददाता, जम्मू। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट के विकास के लिए एकेडमी खोलने की तैयारी में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने मंगलवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से श्रीनगर में भेंट की। उन्होंने उम्मीद जताई कि क्रिकेट एकेडमी से भविष्य में प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
रैना ने ट्वीट करते हुए उपराज्यपाल से मुलाकात के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार के सहयोग के बिना क्रिकेट एकेडमी स्थापित कर क्रिकेट को बढ़ावा देना संभव नहीं है। यह सब उपराज्यपाल के सहयोग से ही संभव हो पा रहा है। वह इसके लिए दिल की गहराइयों से उपराज्यपाल के आभारी रहेंगे। क्रिकेटर सुरेश रैना ने उपराज्यपाल से मुलाकात के दौरान उन्हें भेंट स्वरूप एक क्रिकेट बैट और जर्सी भी की। गौरतलब है कि सोमवार को रैना ने उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतेश्वर कुमार से भी भेंट की थी। इस दौरान उनसे भी क्रिकेट एकेडमी खोलने को लेकर बातचीत की थी। रैना जम्मू और कश्मीर संभाग में पांच-पांच क्रिकेट एकेडमी खोलना चाहते हैं। इसी को लेकर दोनों में काफी देर तक चर्चा भी हुई थी।
दूरदराज की प्रतिभाओं को आगे लाने का लक्ष्य :
सुरेश रैना प्रदेश के दूरदराज के इलाकों की प्रतिभा को उचित मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने सितंबर में प्रदेश का एक सप्ताह का दौरा भी किया था। इस दौरान उपराज्यपाल से मिलकर प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को आगे बढ़ाने में सहयोग की अपनी इच्छा जाहिर की थी। वहीं, अनंतनाग में पहली बार महिलाओं के लिए आयोजित टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेकर महिला खिलाडि़यों का उत्साह बढ़ाया था।
आपको बता दें कि सुरेश रैना ने इस साल यूएई में आइपीएल खेलने से मना कर दिया था। हालांकि वो इस लीग में हिस्सा लेने के लिए वहां पहुंच गए थे, लेकिन निजी कारणों की वजह से वो बीच में ही भारत वापस आ गए। उनके इस कदम के बाद इस फ्रेंचाइजी ने उनका नाम अपने बेवसाइट से हटा दिया था और उनके साथ अपने अनुबंध को भी खत्म कर दिया था।