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सुनील गावस्कर ने मैच के दौरान मैदान पर अंपायर से कटवाए थे बाल, बेटे को इंटरव्यू में बताया

मेरे बाल बार-बार बायीं आंख के ऊपर आ रहे थे जो मुझे परेशान कर रहा था इसलिए मैं डिकी के पास गया। वह उस वक्त गेंद की उधड़ी सिलाई को काटने के लिए कैंची रखते थे। मैंने उनसे बाल काटने के लिए कहा उन्होंने बालों को काट दिया।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 12:16 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 12:16 AM (IST)
सुनील गावस्कर ने मैच के दौरान मैदान पर अंपायर से कटवाए थे बाल, बेटे को इंटरव्यू में बताया
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है। उनके साथ मैदान पर हुए कई किस्से भी मशहूर हैं। पुत्र रोहन ने संभवत: पहली बार लीजेंड सुनील गावस्कर का साक्षात्कार लिया। इस दौरान उनके साथ क्रिकेट का सामान बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी एसजी क्रिकेट के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद भी मौजूद थे।

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रोहन : क्या आपने 1974 में मैदान पर ही अंपायर डिकी बर्ड से बाल कटवाए थे?

सनी : (हंसते हुए) इसे हेयर कट कहना सही नहीं होगा, बल्कि इसके लिए सही शब्द शायद हेयर ट्रिम (बालों को व्यवस्थित करवाना) होगा। 1971 के वेस्टइंडीज दौरे के बाद मैं तीन साल तक कोई शतक नहीं बना सका था। जब मैंने ओल्ड ट्रैफर्ड में शतक जड़ा तो काफी तसल्ली मिली। तीन साल पहले 1971 में इसी मैदान पर मैंने अर्धशतक जड़ा था जिसे मैं अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक मानता हूं, क्योंकि कि जमा देने वाली ठंड थी।

हल्की बूंद-बांदी हो रही थी और काफी ठंडी हवा भी बह रही थी। गेंद तेजी से गुजर रही थी और जान प्राइस ने वास्तव में एक ऐसा स्पैल फेंका, जो मेरे द्वारा सामना किए गए सबसे तेज स्पैल में से एक था। गेंद काफी ऊपर जा रही थी इसलिए वो 57 रन मेरी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी थी और तीन साल बाद उसी तरह के हालात में मैंने शतक जड़ा। हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी और पिच बहुत ज्यादा हरी थी।

हम 1971 में जीते थे और फिर उसके बाद 1974 में गए थे तो ऊपर से देखने पर पिच और आउटफील्ड में अंतर नहीं दिख रहा था। जब हम टेस्ट मैच खेलने उतरे तो पिच और आउटफील्ड में हल्का सा अंतर नजर आ रहा था। पिच थोड़ी कम हरी थी। मुझे लगता है कि यह मेरा सर्वश्रेष्ठ टेस्ट शतक था, क्योंकि इसने मुझे आत्मविश्वास दिया कि मैं इस स्तर पर फिर से शतक बना सकता हूं।

मैं तब टोपी नहीं पहने हुए था और मेरे सिर पर काफी ज्यादा बाल थे। हवा तेज चल रही थी। मेरे बाल बार-बार बायीं आंख के ऊपर आ रहे थे, जो मुझे परेशान कर रहा था इसलिए मैं डिकी के पास गया। वह उस वक्त गेंद की उधड़ी सिलाई को काटने के लिए कैंची रखते थे। मैंने उनसे बाल काटने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने मेरी आंखों के ऊपर आने वाले बालों को काट दिया।


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