IPL 2020 का आखिरी मुकाबला तय करेगा एक टीम के घर वापसी का रास्ता: सुनील गावस्कर
हैदराबाद ने इस सत्र में मुंबई द्वारा निर्धारित किए गए मानदंडों के हिसाब से अपने खेल का स्तर उठा लिया तो फिर क्वालीफाई कर जाएगी। अगर हैदराबाद नहीं भी जीती तो भी प्लेऑफ में पहुंचने वाली दो टीमें ऐसी होंगी जिन्होंने आज तक इस टूर्नामेंट नहीं जीता है।
सुनील गावस्कर का कॉलम। इंडियंस प्रीमियर लीग के 13वें सीजन में मंगलवार को शानदार और रोमांचक लीग का आखिरी ग्रुप मैच है। तीन टीमें अपने बैग उठाकर घर के लिए रवाना हो चुकी हैं। यह मुकाबला एक और टीम के भविष्य का फैसला कर देगा। अगर हैदराबाद ने इस सत्र में मुंबई द्वारा निर्धारित किए गए मानदंडों के हिसाब से अपने खेल का स्तर उठा लिया तो फिर ये टीम क्वालीफाई कर जाएगी। अगर हैदराबाद नहीं भी जीतती है तो भी प्लेऑफ में पहुंचने वाली दो टीमें ऐसी होंगी, जिन्होंने आज तक इस टूर्नामेंट की चमचमाती ट्रॉफी अपने नाम नहीं की है। फिर इन दोनों की टक्कर दो ऐसी टीमों से होगी, जो पहले भी खिताब अपने नाम कर चुकी हैं और मुंबई ने इस पर चार बार कब्जा जमाया है।
बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, हैदराबाद के लिए बहुत कुछ उसकी शुरुआत पर निर्भर करता है। खासकर लक्ष्य का बचाव करते हुए उसकी गेंदबाजी की शुरुआत पर। हालांकि टीम की बल्लेबाजी भी निरंतर नहीं रही है। टीम के बल्लेबाज जोश में आकर बड़े शॉट लगाने का लालच अपने अंदर से मिटा नहीं पा रहे हैं जबकि वे आराम से समझदारीभरी बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत दिला सकते हैं। यही वजह है कि टीम लक्ष्य का पीछा करने में संघर्ष कर रही है।
ग्लैमरस शॉट से बचे बल्लेबाज
ऐसे में जबकि मौसम में बदलाव हो रहा है और ओस एक बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका में आ गई है तो हैदराबाद के खिलाड़ियों को ग्लैमरस शॉट लगाने से बचना होगा क्योंकि उसमें जोखिम ज्यादा है। हैदराबाद के लिए साहा ने उसके शीर्ष क्रम पर सकारात्मक असर डाला है। साहा ने शीर्ष क्रम पर वार्नर के आउट होने के बाद भी बेहतरीन शॉट खेलकर टीम पर दबाव नहीं बनने दिया।
केन विलियमसन टीम में धैर्य, सहजता और शांति लेकर आते हैं।गत चैंपियन मुंबई के अभियान में शायद ही कोई कमी रही हो, यही वजह है कि वह प्लेऑफ के लिए सबसे पहले क्वालीफाई करने वाली टीम बनी। ये मैच मुंबई के लिए प्रयोग करने का मौका लेकर भी आएगा, अगर वे अपनी गेंदबाजी में ऐसा करना चाहते हैं तो। ये अलग बात है कि टीम के गेंदबाजों ने अभी तक असाधारण प्रदर्शन किया है।
मुंबई के पास हर स्थान पर विकल्प मौजूद
बल्लेबाजी में भी इशान किशन और सूर्यकुमार यादव जिम्मेदारी उठा रहे हैं जिसे देखना बेहद सुखद है। मुंबई की सबसे बड़ी ताकत यही है कि उसके पास हर स्थान के लिए बेहतरीन विकल्प मौजूद है। जब रोहित शर्मा चोट के चलते नहीं खेल पा रहे तो टीम के पास पोलार्ड जैसा कप्तान है। युवा इशान किशन ने बतौर ओपनर रोहित शर्मा की कमी नहीं खलने दी। किशन खेल को अंत तक लेकर जा रहे हैं और बेवजह अपना विकेट नहीं गंवा रहे, जो बेहद अच्छी बात है। ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने के उनके अभियान के लिए भी बेहद अहम है।
सूर्यकुमार यादव के साथ भी ऐसा ही है। पांड्या बंधुओं ने हर मैच में उपयोगी योगदान दिया है। न केवल बल्ले और गेंद से, बल्कि फील्डिंग से भी। मुंबई को अगर कोई टीम हराना चाहती है तो उसे निश्चित रूप से चमत्कारिक क्रिकेट खेलना होगा। क्या हैदराबाद ऐसा कर सकती है? कोलकाता की टीम उम्मीद कर रही होगा कि वह ऐसा न कर पाए।