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2004 में पाकिस्तान दौरे पर MS Dhoni को ले जाना चाहते थे Sourav Gaguly ,एक वजह से नहीं हुआ चयन

भारत के 2004 में ऐतिहासिक पाकिस्तान दौरे के लिए महेंद्र सिंह धौनी को टीम में चाहते थे लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज बहुत करीब से टीम में आने से चूक गए।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 08:17 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 08:17 PM (IST)
2004 में पाकिस्तान दौरे पर MS Dhoni को ले जाना चाहते थे Sourav Gaguly ,एक वजह से नहीं हुआ चयन
2004 में पाकिस्तान दौरे पर MS Dhoni को ले जाना चाहते थे Sourav Gaguly ,एक वजह से नहीं हुआ चयन

नई दिल्ली, आइएएनएस। सौरव गांगुली जब भारतीय टीम के कप्तान थे तब वह भारत के 2004 में ऐतिहासिक पाकिस्तान दौरे के लिए महेंद्र सिंह धौनी को टीम में चाहते थे, लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज बहुत करीब से टीम में आने से चूक गए। इस बात का रहस्योद्घाटन टीम के उस समय के कोच जॉन राइट ने किया।

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तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए पाíथव पटेल को चुना गया और पांच मैचों की वनडे सीरीज में राहुल द्रविड़ ने विकेटकीपिंग की। राइट ने कहा, धौनी 2004 में पाकिस्तान दौरे के लिए लगभग टीम में आ ही गए थे। गांगुली उन्हें बड़ी शिद्दत से टीम में चाहते थे। वह सीमा रेखा पर थे और यह ऐसा फैसला था जो कहीं भी जा सकता था, लेकिन जैसा हुआ, हमने एक सफल टेस्ट टीम चुनी और धौनी उसमें नहीं थे।

2000 से 2005 तक टीम के कोच रहे राइट ने कहा, यह वह समय था जब धौनी राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आने लगे थे। गांगुली उनके बारे में काफी अच्छी बातें कहते थे और जो भी युवा टीम में आता वह उसका हौसला बढ़ाते थे, लेकिन आप नहीं जानते कि चीजें कैसे किस तरफ करवट ले लें। मैंने तब धौनी के बारे में पहली बार सुना था।

धौनी ने दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में वनडे में पदार्पण किया। दिसंबर 2005 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चेन्नई में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। यहां से धौनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बाद में चलकर वह देश के महानतम कप्तानों में से एक बने।

राइट ने क्राइस्टचर्च से कहा, धौनी जल्दी ही खेल को पढ़ने लगे थे। यह एक अच्छे और रणनीतिकार कप्तान के लक्षण हैं। वह जाहिर तौर पर भारत के महानतम कप्तानों में से एक हैं। वह भारत के लिए शानदार रहे हैं। उनके रिकॉर्ड इसके बारे में बताते हैं।धौनी के साथ बिताए गए समय के बारे में जब राइट से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि धौनी के साथ उन्होंने कम समय बिताया, लेकिन वह इस खिलाड़ी के नजरिये से काफी प्रभावित थे।

उन्होंने कहा, यह साफ था कि धौनी सिर्फ गिफ्टेड क्रिकेटर नहीं हैं, बल्कि वह काफी चतुर भी हैं। वह काफी अच्छे से सभी की बात सुनते हैं। उन्होंने मेरे साथ पहली सीरीज में ज्यादा कुछ नहीं कहा था, लेकिन वह चीजों को देख रहे थे और सीख रहे थे। मैंने उस समय उनके बारे में सोचा था कि उनके सामने बड़ा भविष्य है।


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