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सौरव गांगुली को है ये मलाल, बोले- काश, मैंने भी अपने खेल में बदलाव किया होता

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज सौरव गांगुली को टी20 क्रिकेट ज्यादा नहीं खेलने का मलाल है और वे कहते हैं कि अगर वे अपने खेल में बदलाव करते तो लंबा खेल सकते थे।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 07:57 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 07:57 AM (IST)
सौरव गांगुली को है ये मलाल, बोले- काश, मैंने भी अपने खेल में बदलाव किया होता
सौरव गांगुली को है ये मलाल, बोले- काश, मैंने भी अपने खेल में बदलाव किया होता

कोलकाता, पीटीआइ। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की पारी बतौर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष शुरू हो चुकी है। करीब एक दशक पहले प्रतिस्पर्धी क्रिकेट को अलविदा कह चुके सौरव गांगुली को आज भी टी20 क्रिकेट ज्यादा नहीं खेलने का मलाल है। यहां तक कि सौरव गांगुली ने एक भी टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है, जबकि उनके साथ खेलने वाले सभी खिलाड़ियों ने कम से कम एक या दो या फिर इससे ज्यादा टी20 मैच खेले हैं।

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सौरव गांगुली ने अब टी20 क्रिकेट का समर्थन किया है। इस बारे में बात करते हुए दादा ने रविवार को कहा कि अगर वह इस दौर में खेल रहे होते तो सबसे छोटे प्रारूप की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने खेल में बदलाव करते। गांगुली ने बीसीसीआइ ट्विटर हैंडल के जरिये टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के सवाल के जवाब में कहा, "टी20 बहुत महत्वपूर्ण है। काश, मैंने खुद के खेल में इसके लिए बदलाव किया होता।"

भारतीय टीम के पूर्व ओपनर गांगुली ने आगे कहा है, "यह आपको खुलकर खेलने की आजादी देता है। इसलिए, मुझे लगता है कि मैं टी20 क्रिकेट का आनंद लिया होता।" भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने वाले पूर्व कप्तान उस समय अपने करियर के आखिरी दौर में थे जब इस प्रारूप को देश में अपनाया जा रहा था। हालांकि, शुरुआत में किसी भी टीम ने टी20 फॉर्मेट को नहीं अपनाया था, लेकिन टी20 लीग शुरू होने के बाद इसकी लोकप्रियता में तेजी देखने को मिली।

सौरव गांगुली की बात करें तो उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच साल 2008 में खेला था। इससे पहले ही भारतीय टीम टी20 क्रिकेट खेल चुकी थी और खेल भी रही थी। यहां तक कि एमएस धौनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने साल 2007 का टी20 विश्व कप भी खेला था, लेकिन सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी उस टीम का हिस्सा नहीं थे। ऐसे में दादा को मलाल है कि अगर वे अपनी बल्लेबाजी में बदलाव करते तो कुछ दिन टी20 क्रिकेट खेल सकते थे। उन्होंने 5 साल केकेआर के लिए खेला है।


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