खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच खेलने जैसे हालात है, सौरव गांगुली ने किया सावधान
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि वो कोरोना संक्रमण की वजह से बहुत डरे हुए हैं। उनके घर पर रसोई का सामान और खाना आता है तो वो डर जाते हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली कोरोना वायरस संक्रमण के इस तरह से लगातार फैलने की वजह से बहुत ही ज्यादा दुखी हैं। उन्होंने इस स्थिति की तुलना किसी खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच खेलने जैसा बताया। कोविड 19 की वजह से ही इंडियन प्रीमियर लीग को अनिश्चित समय के लिए स्थतिग कर दिया गया है।
अब तक करोना संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया में 2 लाख 40 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके है। जबकि इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 34 लाख के पार पहुंच चुकी है। भारत में भी अब तक 1 हजार से ज्यादा मौत हो चुकी है जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 40 हजार से करीब पहुंची है।
खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच खेलने जैसे हालात
सौरव गांगुली ने '100 Hours 100 Stars' में मौजूदा स्थिति पर बात करते हुए कहा, "यह हालात किसी बहुत ही खतरनाक विकेट के उपर टेस्ट मैच खेलने की तरह है। गेंद काफी तेज आ रही है वहीं घुम भी रही है साथ-साथ, बल्लेबाजों के पास बचने का मौका कम से कम है।"
"तो अब बल्लेबाज को रन भी बनाना है और अपना विकेट भी सुरक्षित रखना है। इस बेहद कम गुंजाइश वाले हालात में विकेट बचाना है और हमें इस टेस्ट मैच को जीतना है। यह बहुत ही मुश्किल है लेकिन हमें उम्मीद है कि हम सब साथ मिलकर इस मैच को जरूर ही जीत लेंगे।"
हम तैयार नहीं थे पता नहीं कब और कहां से आई बीमारी
जिस तरह से कोरोना संक्रमण फैलने की वजह से लोगों की जान जा रही है उसको लेकर गांगुली ने दुख जताया। पूर्व कप्तान ने कहा कि यह बहुत बड़ा नुकसान है और इसकी भरपाई करना वाकई मुश्किल है। उन्होंने कहा, "मैं मौजूदा हालात को देखकर बहुत ही ज्यादा दुखी हूं क्योंकि बहुत सारे लोग बाहर इससे जूझ रहे हैं। हम अब तक इसे समझने की कोशिश में ही हैं कि आखिरी इस महामारी को रोका कैसे जाए। पूरी दुनिया का माहौल इस वक्त जिस तरह का है उसने मुझे बहुत ज्यादा परेशान किया है। हमें नहीं पता कि यह कब, कहां और किधर से आया, हम सभी इसको लेकर किसी तरह से भी तैयार नहीं थे।"
"लोगों पर इसका बहुत ज्यादा असर हुआ है। अब तक इसकी वजह से बहुत सारी जान जा चुकी है। यह स्थिति मुझे दुखी करती है, मैं भी इससे डरा हुआ हूं। लोग मेरे घर पर रसोई का सामान, खाना देने आते हैं और मैं खुद भी इससे काफी डरा हुआ महसूस करता हूं। यह एक मिलीजुली प्रतिक्रिया है। मैं बस यही चाहता हूं कि यह सबकुछ जल्दी खत्म हो।"