ICC द्वारा जारी गाइडलाइन पर उठ रहे सवाल, दिग्गजों ने कुछ को बताया अव्यवहारिक
वहीं चोपड़ा ने कहा कि चीजें प्रतिदिन बदल रही हैं ऐसे में इन गाइडलाइन के बारे में सोचना अभी जल्दबाजी है। हर गेंद के बाद सैनिटाइज करना अव्यवहारिक है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए आईसीसी की क्रिकेट कमेटी मे पिछले सोमवार के बैठक कर अहम फैसला लिया। गेंद को चमकाने के लिए खिलाड़ियों द्वारा किए जाने वाले लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सिफारिश इस कमेटी द्वारा की गई। इसके अलावा दोबारा क्रिकेट शुरू होने पर भी कुछ खास नियमों का पालन करने की लिस्ट बनाई गई है।
आइसीसी की क्रिकेट बहाली को लेकर जारी की गई कुछ गाइडलाइन अव्यवहारिक हैं और उनका रिव्यू करने की जरूरत है। यह मानना है पूर्व क्रिकेटरों आकाश चोपड़ा, इरफान पठान और मोंटी पनेसर का।
पिछले सप्ताह आइसीसी ने कई गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें मैच से पहले 14 दिन का आइसोलेशन ट्रेनिंग कैंप भी शामिल था। पूर्व भारतीय खिलाड़ी इरफान पठान ने कहा कि एकल खेलों में शारीरिक दूरी मुमकिन है, लेकिन क्रिकेट और फुटबॉल जैसे टीम खेलों में यह मुश्किल है। अगर आपको मैच के बीच में स्लिप की आवश्यकता होगी, तो क्या आप नहीं लगाओगे? 14 दिन के क्वारंटाइन का नियम सही है।
आगे अगर खिलाडि़यों के लिए और गाइडलाइन बनाई गई तो चीजें मुश्किल हो जाएंगी। ऐसे में फिर क्वारंटाइन समय का कोई महत्व नहीं रह जाता। पठान ने कहा कि सुरक्षा जरूरी है, लेकिन अगर आप कहें कि हर बार गेंद को छूने के बाद सैनिटाइज किया जाए, तो यह मुश्किल हो जाएगा।
गेंद देने की प्रक्रिया को आसान किया जा सकता है, विकेटकीपर गेंद को सीधा गेंदबाज को दे, लेकिन फिर क्या गेंदबाज एक ओवर में छह बार सैनिटाइज करेगा ?
वहीं, चोपड़ा ने कहा कि चीजें प्रतिदिन बदल रही हैं, ऐसे में इन गाइडलाइन के बारे में सोचना अभी जल्दबाजी है। हर गेंद के बाद सैनिटाइज करना अव्यवहारिक है।वहीं पनेसर ने कहा कि 14 दिन के क्वारंटाइन का फैसला सही है। मुझे लगता है कि इंग्लैंड की मेजबानी के साथ क्रिकेट दोबारा शुरू हो जाएगा। ऐसे में इससे दूसरे देशों को भी सही चीजें करने के लिए सीखने को मिलेगा। हालांकि लगातार सैनिटाइज करने की गाइडलाइन व्यवहारिक नहीं है।