Move to Jagran APP

केएल राहुल को कप्तान बनाकर शिखर धवन के मनोबल को तोड़ने का काम किया गया, BCCI पर भड़का पूर्व भारतीय क्रिकेटर

सबा करीम ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में धवन की कप्तानी साथ ही उनकी बल्लेबाजी भी काफी अच्छी रही थी और युवा खिलाड़ियों से लैस भारतीय टीम ने उनका सफाया कर दिया था। धवन की कप्तानी में युवा खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 02:59 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 02:59 PM (IST)
केएल राहुल को कप्तान बनाकर शिखर धवन के मनोबल को तोड़ने का काम किया गया, BCCI पर भड़का पूर्व भारतीय क्रिकेटर
भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत को जिम्बाब्वे दौरे पर तीन मैचों की वनडे सीरीज में हिस्सा लेना है और इसके लिए पहले शिखर धवन को भारतीय वनडे टीम का कप्तान बनाया गया था। इससे पहले शिखर धवन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी की थी और उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली बार वेस्टइंडीज को उसकी धरती पर 3-0 से क्लीन स्वीप करने का गौरव हासिल किया था। अब केएल राहुल के पूरी तरह से फिट होने के बाद उन्हें जिम्बाब्वे दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम का कप्तान बना दिया गया। बीसीसीआइ के इस फैसले पर कई क्रिकेट एक्सपर्ट ने अपनी-अपनी राय दी थी और अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर सबा करीम ने भी इसे कहीं ना कहीं सही नहीं ठहराया है। 

loksabha election banner

सबा करीम ने टीम इंडिया के मौजूदा सेलेक्टर्स पर भड़कते हुए कहा कि केएल राहुल को इस वनडे सीरीज में एक भारतीय खिलाड़ी के तौर पर खेलना चाहिए था। उन्हें कप्तान या उप-कप्तान बनाना ज्यादा अहम नहीं था। वो क्रिकेट के मैदान पर लंबे ब्रेक के बाद वापसी कर रहे हैं। शिखर धवन टीम के सीनियर खिलाड़ी हैं और उन्होंने सफेद गेंद के क्रिकेट में भारत के लिए शानदार काम किया है। अगर आपने उन्हें एक बार कप्तान बना दिया तो आपको इस पर कायम रहना चाहिए था। सबा करीम ने ये बातें एक टीवी चैनल पर कही। 

सबा करीम ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में धवन की कप्तानी साथ ही उनकी बल्लेबाजी भी काफी अच्छी रही थी और युवा खिलाड़ियों से लैस भारतीय टीम ने उनका सफाया कर दिया था। धवन की कप्तानी में युवा खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। अपनी कप्तानी के दौरान धवन पूरे नियंत्रण में दिखे थे और बात चाहे फील्ड सेटिंग की हो या फिर रणनीति की वो शानदार थे साथ ही एक कप्तान के तौर पर वो युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने में पूरी तरह से सफल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि कप्तानी में इस तरह से बदलाव किया जाना अजीब और संदिग्ध है। इस तरह से फैसले काफी सोच-समझकर लेने की जरूरत है। इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये टीम के माहौल से भी जुड़ा हुआ है। आपको टीम भावना का निर्माण करने की जरूरत है। एक कप्तान अपने अगले मैचों के बारे में सोचना शुरू कर देता है और फिर आप अचानक से एक बदलाव कर देते हैं और उसे हटा देते हैं। ये किसी भी खिलाड़ी के मनोबल को प्रभावित करता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.