संजय बांगड़ का फूटा गुस्सा, कहा- नंबर 4 पर कौन करेगा बल्लेबाजी, ये मेरे अकेले का फैसला नहीं था
संजय बांगड़ टीम इंडिया को नंबर चार के लिए एक स्थाई बल्लेबाज नहीं दे पाए और इसकी वजह से ही उनकी टीम से छुट्टी हुई।
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ (Sanjay Bangar) की सेवा टीम इंडिया के साथ खत्म हो चुकी है और उनकी जगह टीम के नए बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ को बनाया गया है। संजय बांगड़ बीसीसीआइ के इस कदम से खुश नहीं हैं। संजय बांगड़ को मुख्य रूप से इस वजह से हटाया गया क्योंकि वो भारतीय टीम के लिेए एक स्थाई नंबर चार का बल्लेबाज नहीं ढूंढ़ पाए।
संजय बांगड़ ने भारतीय क्रिकेट टीम के साथ कोच के तौर पर पांच वर्ष बिताए। उन्होंने अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उनके बल्लेबाजी कोच रहते हुए टीम इंडिया ने क्रिकेट के हर प्रारूप में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की। मेरे रहते हुए टीम इंडिया सिर्फ विश्व कप खिताब ही नहीं जीत सकी। एक अखबार से बात करते हुए संजय बांगड़ ने कहा कि 2014 के बाद से टीम इंडिया लगातार टेस्ट में बेस्ट टीम बनी रही।
संजय बांगड़ ने कहा कि मेरे बल्लेबाजी कोच रहते भारतीय टीम ने कुल 52 टेस्ट खेले जिसमें 30 में जीत मिली जबकि 13 में हार मिली। इसके अलावा हमने सभी देश में खेले गए वनडे मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन हम विश्व कप नहीं जीत सके। टीम इंडिया में नंबर चार पर बल्लेबाजी को लेकर संजय ने कहा कि इस नंबर पर बल्लेबाजी को लेकर किए गए फैसले में चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट शामिल थे। इस नंबर पर खिलाड़ियों का चयन उनकी फिटनेस और मौजूदा फॉर्म की आधार पर किया गया।
इस बयान के जरिए संजय बांगड़ ने सीधे मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति और रवि शास्त्री की मौजूदगी वाली टीम प्रबंधन पर हाथ उठाया। बांगड़ ने कहा कि इस नंबर पर चयन करते हुए ये भी देखा जाता था कि खिलाड़ी दाहिनें हाथ का है या बाएं हाथ का। वो गेंदबाजी कर सकता है या नहीं। उन्होंने अपने काम के बारे में बात करते हुए कहा कि मेरा फोकस तकनीक पर होता था, जब भी आप गलत शॉट खेलकर आउट होते हो तो फिर से उस बल्लेबाज को अपनी तकनीक पर काम करने की जरूरत होती है।
बांगड़ ने कहा कि मुझे पद से हटाया गया इसे लेकर मैं निराश जरूर हूं, लेकिन मैं बोर्ड और उन सभी कोचों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिनके साथ मैंने काम किया। अब मुझे थोड़ा वक्त मिला है और मैं तरोताजा होकर फिर से एक नई पारी खेलने की तैयारी करने की कोशिश करूंगा।