पाकिस्तान व श्रीलंका के खिलाफ खिंचाव व दस्त से पीड़ित थे सचिन फिर भी वर्ल्ड कप में उतरे मैदान पर
सचिन ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ वह मैच मेरे करियर का एकमात्र ऐसा मुकाबला था जिसमें मैंने रनर लिया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने साल 2003 में वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ जो 98 रन की पारी खेली थी उसे शायद ही कोई भूल सकता है। पर ये बात शायद ही किसी को पता होगी कि अपनी पारी के दौरान सचिन तेंदुलकर खिंचाव की परेशानी का सामना कर रहे थे। यही नहीं इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ दस्त से पीड़ित होने के बाद भी वो बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे थे।
वर्ल्ड कप 2003 में पाकिस्तान और फिर श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान इस भारतीय बल्लेबाज को जो परेशानी झेलनी पड़ी उसके बारे में कम लोगों को ही पता है। सचिन श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान गंभीर रूप से दस्त से जूझ रहे थे और उससे निपटने के लिए उन्हें टिशू पेपर का इस्तेमाल करना पड़ा। उन्होंने इस मैच में 97 रन बनाए थे जिसे भारतीय टीम ने 183 रन से जीता था। इस विश्व कप में तेंदुलकर ने 673 रन बनाए थे जो किसी भी खिलाड़ी का एक विश्व कप में सबसे अधिक रन का रिकॉर्ड है और अब तक बरकरार है।
सचिन ने इंडिया टूडे के एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ वह मैच मेरे करियर का एकमात्र ऐसा मुकाबला था जिसमें मैंने रनर लिया था। यह विश्व कप का मैच था और मैं ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझमें 500 किलोग्राम वजन बांध दिया हो। आप हमारे तत्कालीन फिजियो एंड्रयू लीपस से इस बारे में पूछ सकते हैं। सचिन ने बताया कि मेरे शरीर में काफी दर्द था और मैं रन लेने के लिए दौड़ रहा था जो सही नहीं था। मैं मैदान पर गिर गया और मैंने उठने की कोशिश की लेकिन उठ नहीं पाया। मुझे लगा ऐंठन के कारण शरीर को काफी नुकसान होगा।
उन्होंने बताया कि श्रीलंका के खिलाफ मैच से पहले मैंने दस्त से उबरने के लिए जरूरत से ज्यादा नमक का पानी लिया जिसका उल्टा असर पड़ा। मेरे पेट में समस्या थी लेकिन मैं अगले मैच में ऐंठन से बचना चाहता था इसलिए मैं जरूरत से ज्यादा नमक पानी का घोल ले रहा था। यह इतना ज्यादा हो गया कि मुझे डायरिया की समस्या हो गई।
वहीं सचिन ने ये भी बताया कि जब आप इस स्तर पर खेलते हैं तो इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आपको मैदान पर उतरना पड़ता है और खेलना ही होता है। आप बेशक बल्लेबाजी करें या नहीं, लेकिन आपको वहां खड़ा होना ही पड़ता है। शायद सचिन इन्ही सब वजहों से सचिन हैं और क्रिकेट के इतिहास में उनके जैसे खिलाड़ी कम ही हुए हैं।