सचिन तेंदुलकर ने सौरव गांगुली के सामने रखा प्रस्ताव, दलीप ट्रॉफी में बदलाव करें 'दादा'
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि दलीप ट्रॉफी में खिलाड़ी टीम के प्रदर्शन को छोड़कर निजी प्रदर्शन पर फोकस करते हैं।
कोलकाता, पीटीआइ। युवा खिलाड़ी के रूप में क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले सौरव गांगुली आगे चलकर भारतीय टीम के कप्तान बने। इसके बाद उन्होंने क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी जैसे कई अहम जिम्मेदारियों को निभाया। अब भारतीय क्रिकेट में दादा के नाम से फेमस सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष बन गए हैं। इस पद को संभाले अभी उन्हें करीब एक महीना हुआ है, लेकिन कई बड़े काम वे करते जा रहे हैं।
इसी कड़ी में अब उनके साथ क्रिकेट खेल चुके महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनसे एक मांग कर दी है। सचिन तेंदुलकर का मानना है कि दलीप ट्रॉफी में खिलाड़ियों का ध्यान टीम से अधिक व्यक्तिगत प्रदर्शन पर रहता है। खिलाड़ी के तौर पर ऐसा नहीं होना चाहिए। सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली को इसमें बदलाव करना चाहिए, जिससे कि दलीप ट्रॉफी का स्तर ऊपर उठाया जा सके।।
दलीप ट्रॉफी में बदलाव करें गांगुली
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक जड़ने का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले सचिन तेंदुलकर ने कहा, "मैं चाहता हूं कि गांगुली दलीप ट्रॉफी को देखें। यह ऐसा टूर्नामेंट है कि खिलाड़ी अपने प्रदर्शन और अगले टूर्नामेंट पर ज्यादा फोकस करते हैं और उसी के अनुसार खेलते हैं। यदि आइपीएल की नीलामी है या टी-20 टूर्नामेंट या वनडे है तो खिलाड़ी उसी तरह से खेलते हैं। वे टीम के लिए नहीं खेलते। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।"
दलीप ट्रॉफी पांच टीमों का क्षेत्रीय टूर्नामेंट था, लेकिन अब इसमें इंडिया ब्लू, इंडिया ग्रीन और इंडिया रेड टीमें राउंड राबिन प्रारूप में खेलती हैं। तेंदुलकर ने कहा, "मैं इसमें बदलाव देखना चाहता हूं क्योंकि क्रिकेट हमेशा से टीम का खेल रहा है। यह टीम भावना और एक टीम के रूप में साथ खेलने को लेकर है। इसमें व्यक्तिगत प्रदर्शन पर फोकस नहीं रहना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि इसे रणजी ट्रॉफी फाइनल के तुरंत बाद खेला जाना चाहिए और उन चार टीमों के बीच होना चाहिए जो सेमीफाइनल तक पहुंची हैं और पूरा सत्र साथ में खेलती हैं। तेंदुलकर ने आगे कहा, "शीर्ष चार रणजी टीमों के साथ दो और टीमें इसमें हों क्योंकि ऐसी कई टीमें होंगी, जिनमें प्रतिभाशाली खिलाड़ी होंगे, लेकिन क्वालीफाई नहीं कर पाती। अंडर-19, अंडर- 23 अलग-अलग टीमों से इन खिलाडि़यों को लिया जा सकता है।"