सचिन ने खोला अपने दिल का वो राज, बयां किया दर्द
अपने 24 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में पूर्व भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने वो सब कुछ हासिल किया जिसकी चाहत एक खिलाड़ी रखता है लेकिन उनके करियर में भी एक ऐसी चीज हुई थी जिसका दर्द सचिन के दिल में आज तक है। सचिन ने खुद इस राज का
ऑकलैंड। अपने 24 साल के स्वर्णिम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में पूर्व भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने वो सब कुछ हासिल किया जिसकी चाहत एक खिलाड़ी रखता है लेकिन उनके करियर में भी एक ऐसी चीज हुई थी जिसका दर्द सचिन के दिल में आज तक है। सचिन ने खुद इस राज का खुलासा करते हुए अपने दर्द को बयां किया है।
- मास्टर के दिल की बातः
अपने करियर के दौरान हो या फिर करियर के बाद, सचिन ने शायद ही कभी किसी चीज का अफसोस प्रकट किया लेकिन अब उन्होंने दिल की बात बोली है। सचिन के मुताबिक उनके करियर के दौरान उन्हें ज्यादा समय तक टीम का कप्तान बनने का मौका नहीं मिला जिसका अफसोस व दुख उन्हें हमेशा रहा। सचिन को करियर के दौरान दो बार कप्तान बनने का मौका मिला लेकिन उनकी कप्तानी के दौरान टीम के खराब प्रदर्शन के चलते दोनों ही बार उनसे कमान छीन ली गई। सचिन ने कहा, 'मेरा मानना रहा है कि क्रिकेट टीम गेम है न कि किसी व्यक्तिगत खिलाड़ी पर निर्भर है। हां, कई बार ऐसे मौके आते हैं जब कप्तान की भूमिका अहम हो जाती है लेकिन अंत में बल्लेबाज और गेंदबाज को ही मैदान पर असली काम करके दिखाना होता है। मुझे जब पहली बार कप्तानी मिली तो ये मुझसे 12-13 महीनों के अंदर ही छीन ली गई। मुझे इसका हमेशा अफसोस रहा क्योंकि कप्तानी सौंपते समय उस खिलाड़ी पर काफी भरोसा जताया जाता है और मैं शायद उस पर खरा नहीं उतर सका। ये काफी बड़ा धक्का था जिससे मुझे उभरना था।'