इसलिए दिक्कत में फंस गई है बैंगलोर की टीम, हो सकती है मुश्किल
खिलाड़ियों के चयन को लेकर उलझन में है रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की टीम- सुनील गावस्कर
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
आइपीएल की अधिकतर टीमें घरेलू मैदान को अपना गढ़ मानती हैं। अगर टीम सात में से पांच मैच भी जीतती है, तो उसके नॉकआउट में पहुंचने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है। हालांकि कुछ अपवाद हमेशा ही रहते हैं। कुछ सीजन पहले हैदराबाद की टीम लगातार अपने घरेलू मैच गंवा रही थी। हालत ऐसी थी कि उनके प्रशसंकों ने कहना शुरू कर दिया था कि अपनी टीम को मैच जीतते देखने के लिए उन्हें दूसरे मैदान पर जाना चाहिए।
अब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में अपने दोनों मैच गंवा दिए हैं। पहले मैच में मुंबई, जबकि दूसरे मैच में पुणे से हार गए। हालांकि इस प्रारूप में गेंदबाजी हमेशा ही सवालों के घेरे में रहती है, लेकिन उनकी बल्लेबाजी जरूर चिंता की बात बन गई है। सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को टीम में शामिल रखने के नियम के चलते उन्हें लेग स्पिनर सैमुअल बद्री के लिए आक्रामक बल्लेबाज क्रिस गेल को बाहर बैठाना पड़ रहा है। मुंबई के खिलाफ हैट्रिक लेकर बद्री ने शानदार प्रदर्शन किया। मगर यह साफ है कि अगर कोहली और डिविलियर्स नहीं चलते हैं, तो बेंगलूर की बल्लेबाजी संघर्ष करती नजर आएगी। उनके पास केदार जाधव, शेन वॉटसन और स्टुअर्ट बिन्नी जैसे खिलाड़ी हैं, लेकिन इनके बल्ले से कोई बड़ी पारी देखने को नहीं मिल रही है।
गुजरात लायंस के साथ भी विदेशी खिलाड़ियों के चयन को लेकर समस्या है। तेज गेंदबाज एंड्रयू टाय ने भी बद्री की तरह अच्छा प्रदर्शन किया और हैटिक ली। उन्होंने गुजरात की गेंदबाजी को मजबूत किया है। समस्या यह है कि उनकी गेंदबाजी थोड़ी उम्रदराज लगने लगी है। तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार और मुनाफ पटेल शानदार गेंदबाज रहे हैं, लेकिन उनकी गति में बहुत कमी आ चुकी है। उन्हें खेलना बहुत ही आसान हो गया है।
प्रवीण को दोनों ओर स्विंग कराते देखना अच्छा लगता है, लेकिन तेज गेंदबाजी के चक्कर में वह सही दिशा में गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि गुजरात की टीम बहुत हद तक बल्लेबाज मैकुलम, रैना और स्मिथ पर निर्भर है। इसके बाद फिंच एक फिनिशिर के रूप में हैं। दुर्भाग्य से टॉस काफी अहम हो चुका है और इसे जीतने वाली टीमें अधिकतर मैच भी जीत रही हैं। उम्मीद है कि टूर्नामेंट के आगे बढ़ने पर हमें अलग तरह के परिणाम भी देखने को मिलेंगे। सिक्का उछलने के साथ ही दर्शकों को यह पता नहीं चलेगा कि कौन मैच जीतने वाला है।
(पीएमजी)