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'धौनी की आलोचना करने वालों पहले अपना क्रिकेट करियर तो देखो'

देश को दो बार विश्वकप जिताने वाले की आलोचना करने वालों को पहले अपने करियर में झांककर देखना चाहिए।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 14 Nov 2017 06:33 PM (IST)Updated: Tue, 14 Nov 2017 09:45 PM (IST)
'धौनी की आलोचना करने वालों पहले अपना क्रिकेट करियर तो देखो'
'धौनी की आलोचना करने वालों पहले अपना क्रिकेट करियर तो देखो'

कोलकाता। टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का एक बार फिर पुरजोर समर्थन करते हुए उनकी आलोचना करने वालों पर जमकर निशाना साधा। शास्त्री ने कहा कि देश को दो बार विश्वकप जिताने वाले की आलोचना करने वालों को पहले अपने करियर में झांककर देखना चाहिए। गौरतलब है कि वीवीएस लक्ष्मण व अजित आगरकर समेत कई पूर्व क्रिकेटरों ने टी-20 क्रिकेट में धौनी के भविष्य को लेकर सवाल उठाया था। मंगलवार को न्यूटाउन स्थित फैनेटिक स्पोर्ट्स म्यूजियम को 2015 के विश्वकप के दौरान पहनी गई अपनी टीम डायरेक्टर की जर्सी और टोपी दान करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शास्त्री ने कहा कि धौनी में अभी काफी क्रिकेट बाकी है। उनके जैसे बड़े खिलाड़ी का समर्थन करना टीम का कर्तव्य है। विकेटकीपिंग, बल्लेबाजी, मैदान पर उपस्थित बुद्धि और तेज दिमाग के लिहाज से उनसे बेहतर कोई नहीं है। 

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टीम इंडिया का क्षेत्ररक्षण दुनिया में सर्वोत्तम

मुख्य कोच ने टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षण की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, 'हमारा क्षेत्ररक्षण इस समय दुनिया में सर्वोत्तम है, जो इस टीम को पूर्व की भारतीय टीमों से जुदा करता है। यह टीम हमेशा जीतने के इरादे से मैदान में उतरती है। हम दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले इस घरेलू टेस्ट सीरीज को जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। हार्दिक पंड्या को टेस्ट सीरीज के लिए विश्राम दिए जाने पर कोच ने कहा कि टीम एक खिलाड़ी विशेष पर निर्भर नहीं होती। हम साथ मिलकर जीतते हैं और साथ मिलकर हारते हैं।

ब्रेडमैन के बल्ले से की विराट के बल्ले की तुलना 

शास्त्री ने म्यूजियम में रखे सर डॉन ब्रेडमैन के बल्ले की तुलना टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के बल्ले से की। उन्होंने कहा कि ब्रेडमैन के बल्ले की लकड़ी की गुणवत्ता ऐसी है कि आप इससे अभी भी कुछ शॉट खेल सकते हैं। शास्त्री के साथ टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच अरुण भगत भी थे। उन्होंने कहा कि एनसीए में प्रशिक्षण ले रहे युवा खिलाडिय़ों को यहां आकर क्रिकेट के इतिहास को जानना चाहिए।

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