भारतीय क्रिकेट पर राहुल द्रविड़ का असर सौरव गांगुली से ज्यादा- गौतम गंभीर
गौतम गंभीर ने कहा कि राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के लिए ओपनर विकेटकीपर फिनिशर सबकी भूमिका निभाई।
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर अपने सीनियर क्रिकेटर्स की काफी इज्जत करते हैं। उन्होंने भारत के लिए टेस्ट डेब्यू राहुल द्रविड़ की कप्तानी में की थी और अब गंभीर ने उनकी उत्कृष्टता और टीम को लीड करने की उनकी क्षमता की जमकर तारीफ की है। द्रविड़ ने साल 2005 में टीम इंडिया के कप्तान बने थे जब अचानक से सौरव गांगुली को टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। उन्होंने साल 2007 में टीम इंडिया की वर्ल्ड कप में कप्तानी की थी और भारत को ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पड़ा था। हालांकि बाद में द्रविड़ के बाद MS Dhoni को टीम का कप्तान बनाया गया।
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में कहा कि मैंने अपना वनडे डेब्यू सौरव गांगुली की कप्तानी में किया था जबकि टेस्ट डेब्यू द्रविड़ की कप्तानी में किया था। ये काफी गलत है कि हम उन्हें कप्तानी के लिए ज्यादा क्रेडिट नहीं देते हैं। हम सिर्फ सौरव गांगुली और एमएस धौनी की बात करते हैं और अब विराट कोहली की बात होती है। हालांकि राहुल द्रविड़ भी टीम इंडिया के लिए एक शानदार कप्तान थे।
गंभीर ने कप्तान के तौर पर राहुल द्रविड़ की उपलब्धि को याद करते हुए कहा कि इस बात को नोट किया जाना चाहिए कि साल 2006 में भारत ने वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की थी। वहीं इंग्लैंड में साल 2007 में टेस्ट सीरीज जीती थी। उनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम का वनडे में भी फॉर्म काफी अच्छा था। गंभीर ने द्रविड़ की बहुमुखी प्रतिभा के बारे में भी बताया और कहा कि ये किस तरह से टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित हुआ।
गंभीर ने कहा कि रिकॉर्ड के लिहाज से या फिर कप्तान के तौर पर उनका रिकॉर्ड ज्यादा बेहतर नहीं है, लेकिन एक क्रिकेटर के तौर पर द्रविड़ लाजवाब हैं। टेस्ट में उन्हें ओपनिंग के लिए कहा गया उन्होंने किया। उन्होंने टीम इंडिया के लिए विकेटकीपर की जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने फिनिशर के तौर पर भी बल्लेबाजी की। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के हित और कप्तान के कहने के अनुसार सबकुछ किया और आप शायद इसी तरह से रोल मॉडल को चाहते हैं।
गंभीर ने राहुल द्रविड़ के अच्छे दोस्त सौरव गांगुली के उनकी तुलना की और कहा कि द्रविड़ का इंडियन क्रिकेट पर काफी गहरा प्रभाव रहा। हालांकि गांगुली का प्रभाव उजले गेंद के क्रिकेट में ज्यादा रहा, लेकिन ओवरऑल वो द्रविड़ ही थे जिनका भारतीय क्रिकेट पर सचिन तेंदुलकर जैसा प्रभाव रहा। वहीं उन्होंने कहा कि इंडिया ए और इंडिया अंडर 19 के कोच के तौर पर भी उन्होंने काफी अच्छा काम किया।