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दिग्गज स्पिनर आर अश्विन बोले- मैं खुद के बनाए बेंचमार्क से लड़ता रहता हूं

दिग्गज ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने कहा है कि मैं खुद के बनाए बेंचमार्क से लड़ाई लड़ता रहता हूं जो कि अच्छी बात है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 09:52 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 09:52 AM (IST)
दिग्गज स्पिनर आर अश्विन बोले- मैं खुद के बनाए बेंचमार्क से लड़ता रहता हूं
दिग्गज स्पिनर आर अश्विन बोले- मैं खुद के बनाए बेंचमार्क से लड़ता रहता हूं

बेंगलुरु, एएनआइ। भारतीय टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि वह अपने खुद के बनाए गए बेंचमार्क से लड़ रहे हैं, क्योंकि उनका विदेशी टेस्ट प्रदर्शन भारत में उनके प्रदर्शन की तुलना में उतना अच्छा नहीं है। अश्विन भारत के सबसे सफल स्पिन गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों से अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि, पिछले कई सालों में भारत ने जितनी भी टेस्ट सीरीज एशिया के बाहर खेली हैं, अश्विन को सिर्फ एक बार सीरीज के सभी मैचों में खेलने का मौका मिला है।

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आर अश्विन ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बात करते हुए कहा है, "देखिए, एक चीज है जो बिल्कुल सच है। दरअसल, मैं अपने ही बनाए बेंचमार्क से लड़ रहा हूं। जितने भी मैच मैंने अपने देश और अपने लिए जीते हैं, जितने सफल हुए हैं और जितने उत्कृष्टता मैंने दिखाई है, मुझे हमेशा विदेशी दौरे पर भारत की परफॉर्मेंस के अनुसार मापा जाता है, जो कि बड़ी बात है।" अश्विन को काफी समय से वनडे और टी20 टीम में जगह नहीं मिली है, लेकिन वे आइपीएल और घरेलू क्रिकेट लगातार खेल रहे हैं।

हाल ही में न्यूजीलैंड दौरे की बात करें तो आर अश्विन ने पहला टेस्ट मैच खेला था, लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में रवींद्र जड़ेजा को मौका दिया गया था। 2016 में वेस्टइंडीज के दौरे के बाद अश्विन ने एशिया के बाहर 12 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 27.65 के औसत से 44 विकेट चटकाए हैं। इस बीच अपनी स्किल्स को अच्छा करने के लिए स्पिनर आर अश्विन ने काउंटी क्रिकेट भी खेली है।

अश्विन ने कहा है, "इंग्लैंड में काफी मैच खेलने के बाद मुझे एहसास हुआ है कि स्पिनर के लिए विदेशी परिस्थितियों में गेंदबाजी करना और घर पर भी इसी तरह की संख्या को दोहराना आसान नहीं है। पहली बात तो ये है कि आपको सही समय पर सटीक और अच्छी गेंदबाजी करने की आवश्यकता होती है। दूसरी बात ये है कि आपको थोड़े से भाग्य की जरूरत होती है। 2014 (दिसंबर 2013) के बाद जब मेरे पास उस दक्षिण अफ्रीका का मैच था, तो मैंने अपने नंबरों पर बहुत गंभीरता से विचार किया और उन नंबरों में बहुत अच्छी तरह से वृद्धि भी हुई"


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