बैन को लेकर बोले पृथ्वी शॉ, कहा- क्रिकेट से दूर रहना मेरे लिए टॉर्चर था
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने कहा है कि बैन के दौरान मुझे ऐसा लगता था कि क्रिकेट से दूर रहना मेरे लिए टॉर्चर की तरह है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत की अंडर 19 टीम को बतौर कप्तान वर्ल्ड कप जिताने वाले खिलाड़ी पृथ्वी शॉ ने जब भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था तो शतक जड़ा था। शतक से अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले पृथ्वी शॉ को आगे मौके मिले, लेकिन वे चोटिल हो गए। वहीं, जब चोट से उबरे तो फिर उनके करियर का सबसे खराब पल उनको देखने को मिला, क्योंकि उन पर डोपिंग बैन लगा था और वे लंबे समय के लिए क्रिकेट से दूर हो गए थे।
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने अब एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि बैन के दौरान उन्हें कैसा लगता था। पृथ्वी शॉ ने कहा है कि क्रिकेट से दूर रहना उनके लिए किसी टॉर्चर से कम नहीं था। कोरोना वायरस महामारी की वजह से इस साल की आधी से ज्यादा क्रिकेट और खेल टूर्नामेंटों को रद या स्थगित करन पड़ा है। वहीं, पिछले साल बैन की वजह से क्रिकेट नहीं खेलने वाले पृथ्वी शॉ ने 2020 में वापसी की, लेकिन इस महामारी ने सब तहस-नहत कर दिया।
शॉ बोले- छोटी सी बात आपको मुश्किल में डाल सकती है
लॉकडाउन के कारण घर में समय बिता रहे पृथ्वी शॉ ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कई बातों का जिक्र किया, जिनमें डोपिंग बैन, न्यूजीलैंड का दौरा और सचिन तेंदुलकर के साथ उनके रिश्ते, चोट लगना और फिर आलोचना सहना करना जैसी बातें शामिल हैं। डोपिंग बैन को लेकर पृथ्वी शॉ ने कहा, "पेरासिटामोल खाते समय भी आपको सावधान रहना होगा। ये सभी युवा खिलाड़ियों के लिए है। आपको कोई भी दवा खाने से पहले अपने डॉक्टर या बीसीसीआइ डॉक्टर से बात करनी चाहिए। छोटी सी बात आपको मुश्किल में डाल सकती है।"
शॉ ने बताया, "मेरे मामले में मैंने कफ सीरप पी थी, जिसमें एक प्रतिबंधित पदार्थ था। मैंने इससे सबक लिया। इसके बाद से मैं बीसीसीआइ के डॉक्टर्स से परामर्श लेता हूं कि क्या इसमें कोई प्रतिबंधित पदार्थ तो नहीं है। इसके बाद मुझ पर डोपिंग बैन लगा और क्रिकेट से दूर रहना मेरे लिए बहुत कठिन था। ये एक टॉर्चर की तरह था। ऐसा किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए।" डोपिंग की वजह से पृथ्वी शॉ पर 8 महीने का बैन लगा था। हालांकि, न्यूजीलैंड दौरे पर उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की, लेकिन सफल नहीं हो पाए।
20 वर्षीय दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा है कि मैंने इतनी सी उम्र में इस बात को जान लिया है कि आप सौ फीसदी लोगों को खुश नहीं कर सकते। कोई न कोई शख्स आपकी आलोचना जरूर करेगा। वहीं, बड़े पलों की बात करते हुए शॉ ने कहा कि मेरे लिए अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतना और फिर टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ना बड़ा पल था, लेकिन इससे भी बड़े पलों का उन्हें अभी इंतजार है। पृथ्वी शॉ ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर सर ने उन्हें छूट दी हुई है कि मैं जब चाहूं तब उन्हें मैसेज या कॉल कर सकता हूं।