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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड नहीं चाहता कि इन 3 देशों का कोई दिग्गज ICC चेयरमैन बने

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मनी ने कहा है कि आइसीसी का नया चेयरमैन बिग 3 से नहीं होना चाहिए। मनी का इशारा भारत इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड से था।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 12:22 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 12:22 PM (IST)
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड नहीं चाहता कि इन 3 देशों का कोई दिग्गज ICC चेयरमैन बने
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड नहीं चाहता कि इन 3 देशों का कोई दिग्गज ICC चेयरमैन बने

लाहौर, आइएएनएस। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन एहसान मनी ने एक बड़ा बयान दिया है। एहसान मनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी के चेयरमैन को लेकर सवाल उठाया है। पीसीबी के मुखिया एहसान मनी ने कहा है कि अगला आइसीसी चैयरमैन बिग 3 यानी भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में से नहीं होना चाहिए। बता दें कि अगले कुछ समय में आइसीसी के चेयरमैन पद का चुनाव होना है।

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गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आइसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आइसीसी के चेयरमैन की कुर्सी खाली है। दुनिया का सर्वोच्च क्रिकेट बोर्ड अभी भी शशांक मनोहर का विकल्प ढूंढ़ने की प्रक्रिया के बारे में सोच रहा है। इस बीच पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एहसान मनी ने कहा है कि आइसीसी के लिए यह अच्छा होगा कि किसी अन्य बोर्ड से उसका चेयरमैन निकले।

फोर्ब्स ने पीसीबी चीफ एहसान मनी के हवाले से लिखा है, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसमें काफी समय लग रहा है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत ने 2014 में अपनी जगह को बचाए रखने की जो राजनीति शुरू की थी- उसमें अब वो संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि अब वह उन्हें भा नहीं रही है।" उन्होंने आगे कहा है, "यह अच्छा होगा कि आइसीसी का नया चेयरमैन बीग थ्री(भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) में से न हो।"

बता दें कि एहसान मनी खुद आइसीसी के चेयरमैन रह चुके हैं और फिलहाल वे इस रेस से अपने आप को बाहर कर चुके हैं। उन्होंने 2003 से 2006 तक आइसीसी चेयरमैन की कुर्सी संभाली थी। वहीं, ईसीबी के मौजूदा चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स का कार्यकाल 31 अगस्त को खत्म हो गया है और उन्हें आइसीसी के अगले चेयरमैन के तौर पर देखा जा रहा है। इसी को लेकर मनी ने कहा है, "बोर्ड में हितों के टकराव की काफी बड़ी समस्या है। मैंने यह पहले कभी नहीं देखा, 17 साल में तो कभी नहीं। इस तरह के हितों के टकराव पारदर्शी नहीं है।"


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