लगातार दो मैच हारने के बाद मुंबई के इस बल्लेबाज ने कह दी बड़ी बात
मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा कि अभी उनकी टीम के लिए घबराने वाली बात नहीं है...
मुंबई, पीटीआइ। आइपीएल 10 में गुरुवार को पंजाब के साथ एक रोमांचक मैच में 7 रनों से हारने वाली टीम मुंबई के खिलाड़ी कीरोन पोलार्ड ने कहा है कि उनकी टीम के लिए घबराने जैसी स्थिति नहीं आई है। इस आइपीएल में अंक तालिका में शीर्ष पर चल रही मुंबई को प्लेऑफ में जगह बनाने के बाद लगातार दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा है।
गुरुवार को 200 से ज्यादा रनों वाले हाइ स्कोरिंग मैच में मुंबई को पंजाब से हार मिली। इससे पहले मुंबई को हैदराबाद के खिलाफ लो स्कोरिंग मैच में हार का सामना करना पड़ा था। ताजा हार पर पोलार्ड ने कहा, 'इससे साबित होता है कि हम भी इंसान ही हैं। हम हर मैच नहीं जीत सकते। हम अपने खेल में सुधार करते रहते हैं। हैदराबाद के खिलाफ हमारा खेल थोड़ा चिंताजनक रहा था। इसके बाद हमने अच्छे विकेट पर अच्छा खेला और संघर्ष किया।'
पोलार्ड ने पंजाब के खिलाफ मैच मे 24 गेंदों पर नाबाद 50 रन बनाए, पर अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। उन्होंने कहा कि अच्छा खेलने के बावजूद हमेशा जीत नहीं मिलती है। इसके साथ ही पोलार्ड ने कहा कि उनकी टीम को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
पोलार्ड ने कहा कि कुछ गलतियों की वजह से वे दो मैच हार गए, लेकिन अगर उनकी टीम तीन मैच जीत गई तो फिर उनसे पूछा जाएगा कि कप जीतकर कैसा लग रहा है! आपको बता दें कि दो बार की चैंपियन मुंबई की इस आइपीएल में शुरुआत पुणे के खिलाफ हार से साथ हुई थी।
पंजाब ने गुरुवार के मैच में 20 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 230 रन बनाए थे। इसके जवाब में मुंबई आइपीएल का सबसे बड़ा स्कोर चेज करने का रिकॉर्ड बनाने वाली थी, पर सात रनों से मैच हार गई। मुंबई 20 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 223 रन ही बना सकी। मुंबई की ओर से ओपनर लेंडल सिमंस ने 32 गेंदों में 59 और पोलार्ड ने 24 गेंदों में 50 रन बनाए।
इस मैच में अगर मुंबई जीत जाती तो पंजाब की टीम प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो जाती, लेकिन जीत के साथ पंजाब की प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदें बची हुई हैं। पोलार्ड ने पंजाब के लिए 93 रन बनाने वाले साहा और 47 रन बनाने वाले ग्लेन मैक्सवेल की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने अपने बारे में बताया कि मैदान पर उतरने के बाद वह दबाव महसूस नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि जब वह डग-आउट में होते हैं तो ही दबाव महसूस करते हैं। बल्ला पकड़ने के बाद उन्हें दबाव का पता नहीं चलता और वह अपना काम करते जाते हैं।