MS Dhoni ने पाकिस्तान के ही खिलाफ ठोका था अपने टेस्ट और वनडे करियर का पहला शतक, स्कोर भी था सेम
भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धौनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों में पहला शतक पाकिस्तान के खिलाफ जड़ा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धौनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। धौनी टेस्ट क्रिकेट से पहले ही रिटायर हो चुके थे। आज उन्होंने वनडे और टी-20 को से संन्यास ले लिया। दिसंबर 2004 में वनडे क्रिकेट में पैर रखने वाले धौनी ने वनडे में पहला शतक पाकिस्तान के खिलाफ जड़ा था। वहीं उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दिसंबर 2005 में कदम रखा और पाकिस्तान के खिलाफ ही पहला शतक जड़ा। इत्तेफाक की बात है कि दोनों पारियों में उन्होंने 148 रन ही बनाए।
वनडे में पहला शतक
साल 2005 में पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई थी। 5 अप्रैल 2005 को वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में विशाखापट्टनम के डॉक्टर वाइ एस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में धौनी ने शतक जड़ा था। सचिन तेंदुलकर के जल्द आउट हो जाने के बाद धौनी नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने आए और शतकीय पारी खेली। इस मैच में एमएस धौनी ने 123 गेंदों में 15 चौके और 4 छक्कों की मदद से 148 रन की पारी खेली थी। धौनी ने महज 88 गेंदों में अपना पहला शतक पूरा किया था। धौनी का ये वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला शतक था और इसके बाद से उन्होंने 350 मैच खेले और कुल 10 शतकीय पारियां खेलीं। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में खेला था।
टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक
जनवरी 2006 में भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी। फैसला बाद में खेले गए टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में धौनी ने 19 चौके और चार छक्कों की मदद से 153 गेंदों पर 148 रन की पारी खेली थी। इस मैच नंबर छह पर बल्लेबाजी करने आए धौनी का यह पांचवा मैच था। उन्होंने इरफान पठान के साथ छठे विकेट के लिए 210 रन की साझेदारी की। पठान ने 90 रन की पारी खेली थी। धौनी का ये इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक था और इसके बाद से उन्होंने 90 मैच खेले और कुल छह शतकीय पारियां खेलीं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।