Move to Jagran APP

पिछले विश्व कप की घटना के बाद 'खुदकुशी' करना चाहते थे मोहम्मद शमी, 24 घंटे घरवाले रखते थे नजर

टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज ने इस बात का खुलासा किया है कि वो एक वक्त पर इतने दुखी थे कि आत्महत्या भी करने की सोच चुके थे।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sun, 03 May 2020 12:10 AM (IST)Updated: Sun, 03 May 2020 12:10 AM (IST)
पिछले विश्व कप की घटना के बाद 'खुदकुशी' करना चाहते थे मोहम्मद शमी, 24 घंटे घरवाले रखते थे नजर
पिछले विश्व कप की घटना के बाद 'खुदकुशी' करना चाहते थे मोहम्मद शमी, 24 घंटे घरवाले रखते थे नजर

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी ने इस बात का खुलासा किया है कि वो जीवन में इतने निराश हो गए थे कि आत्महत्या करना चाहते थे। शमी ने बताया कि वो एक बार नहीं बल्कि तीन बात आत्महत्या करने जा रहे थे वजह थी उनकी चोट। 2015 में लगी चोट ने शमी को तोड़ दिया था और वो अपनी जान तक लेना चाहते थे।

loksabha election banner

इंस्टाग्राम पर टीम इंडिया के उप कप्तान रोहित शर्मा के शमी ने बात की। इस दौरान उन्होंने 2015 विश्व कप में लगी चोट के बार में चर्चा की। उन्होंने बताया, 2015 में विश्व कप के दौरान चोटिल हुआ था। इसके बाद मैंने कुछ 18 महीने लिया टीम इंडिया में वापसी करने में और यह मेरे करियर का सबसे दुखदायी वक्त रहा था।

मुश्किलों से गुजर रहे थे शमी

"आपको तो पता ही है कि रिहैब में जाना कितना मुश्किल होता है और उसके बाद परिवार की समस्या। यह सबकुछ मेरे जीवन में चल ही रहा था कि उसके बाद मेरी एक दुर्घटना हो गई यह आईपीएल के 10-12 दिन के पहले हुआ था। मीडिया में बहुत तरह की बातें चल रही थी मेरे और मेरी निजी समस्या को लेकर।"

आत्महत्या करना चाहते थे शमी 

शमी ने बताया कि उनको किस तरह से इस मुश्किल वक्त में परिवार का साथ मिला जिसकी वजह से ही वह क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में वापसी करने में सफर रहे। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है अगर मेरे साथ परिवार का सराहा नहीं होता तो मैंने कब का क्रिकेट छोड़ दिया होता। एक वक्त मेरे दिमाग में तीन बार आत्महत्या करने का विचार आया था। कोई ना कोई परिवार का मेरे साथ बैठा रहता था। मेरे उपर नजर रखी जाती थी। मेरा घर 24वीं मंजिल पर था उनको यह डर लगा रहता था कहीं मैं उपर से ही ना कूद जाउं।"

मेरा परिवार सबसे बड़ी शक्ति है

"मेरे परिवार के लोग मेरे साथ थे यही मेरी सबसे बड़ी शक्ति थी। उन्होंने मुझे बताया कि हर समस्या का कोई ना कोई हल जरूर होता है। आप सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दीजिए, जो भी आप सबसे अच्छा करते हैं। इसके बाद मैंने सबकुछ पीछे छोड़कर नेट्स में लगातार प्रैक्टिस करना शुरू किया। मैंने दौड़ना शुरू किया और ज्यादा से ज्यादा व्यायाम करता था। मुझे नहीं पता था कि क्या कर रहा हूं, मैं काफी तनाव में था।" 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.