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ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज बोले- अच्छी बात है कि भारतीय टीम हमारे खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट खेलेगी

ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने कहा है कि अच्छी बात है कि भारतीय टीम हमारे खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट खेलेगी।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 09:55 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 09:55 AM (IST)
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज बोले- अच्छी बात है कि भारतीय टीम हमारे खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट खेलेगी
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज बोले- अच्छी बात है कि भारतीय टीम हमारे खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट खेलेगी

मेलबर्न, रायटर्स। ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क पिंक बॉल क्रिकेट के ज्यादा बड़े फैन नहीं है, लेकिन वे भारत के खिलाफ घरेलू सत्र के दौरान डे-नाइट टेस्ट खेलने के फैसला का स्वागत करते हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने 2018-19 के दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट खेलने से इन्कार कर दिया था, लेकिन बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली इसी साल फरवरी में इस बात पर सहमत हो गए थे कि भारतीय टीम आने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज में से एक मैच डे-नाइट टेस्ट के रूप में खेलेगी।

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इसी बात को लेकर लेफ्ट आर्म पेसर मिचेल स्टार्क ने वीडियो कॉल के जरिए पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि भारत के खिलाफ इस सीरीज में बिल्कुल गुलाबी गेंद का टेस्ट एक बड़ी बात है। प्रशंसकों को यह पसंद है, यह प्रतियोगिता का एक अलग पहलू बनाता है। मुझे लगता है कि बल्ले और गेंद एक साथ काफी करीब हैं। भारत ने स्पष्ट रूप से घर पर पिंक बॉल से एक टेस्ट मैच खेला है, इसलिए वे इसके लिए पूरी तरह से विदेशी नहीं हैं।"

उन्होंने कहा है, "मुझे लगता है कि लाभ के संदर्भ में यदि आप चाहें, तो हमारे पास गुलाबी गेंद के साथ घर पर एक अच्छा रिकॉर्ड है। यह हमारे लिए भारत जाने के लिए अलग नहीं है और उन्हें वहां फायदा मिला है।" ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अब तक 7 पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं, जिनमें से सभी मुकाबले कंगारू टीम ने जीते हैं। वहीं, मिचेल स्टार्क ने अब तक खेले डे-नाइट टेस्ट मैचों में 42 विकेट 19.23 के औसत से चटकाए हैं।

30 वर्षीय मिचेल स्टार्क ने ये भी कहा है कि वह चिंतित थे कि जब क्रिकेट की बहाली होगी और आइसीसी की लार पर पाबंदी लगाने की सिफारिश लागू होगी तो फिर बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों को स्विंग कराने के लिए गेंदबाजों की मदद की जरूरत थी अगर सलाइवा पर प्रतिबंध लगाया गया। स्टार्क ने कहा है, "बच्चे गेंदबाज़ नहीं बनना चाहते हैं, क्योंकि जैसा कि हमने पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में देखा था, वहां कुछ सपाट विकेट थे और अगर वह गेंद सीधी जा रही थी, तो यह बहुत ही उबाऊ प्रतियोगिता थी।"


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