मयंक अग्रवाल ने दोहरा शतक लगाने के बाद कहा- असफलता के डर ने रन बनाना सीखा दिया
Ind vs Ban मयंक अग्रवाल ने कहा कि ऐसा भी वक्त रहा है जब मैं रन नहीं बनाए हैं। इसलिए जब भी मैं क्रीज पर जम जाता हूं तो मेरी कोशिश रहती है कि मैं बड़ी पारी खेलूं।
इंदौर, प्रेट्र। Ind vs Ban: भारतीय ओपनर बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में अपने टेस्ट करियर की अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली और 243 रन बनाए। अपनी इस पारी के बाद मयंक ने कहा कि असफलता के डर को पीछे छोड़ने से उनकी रन बनाने की भूख बढ़ गई। मयंक की पारी के दम पर टीम इंडिया खेल के दूसरे दिन बेहद मजबूत स्थिति में पहुंच गई।
मयंक अग्रवाल ने कहा कि ऐसा भी वक्त रहा है जब मैं रन नहीं बनाए हैं। इसलिए जब भी मैं क्रीज पर जम जाता हूं तो मेरी कोशिश रहती है कि मैं बड़ी पारी खेलूं। मानसिकता की बात करें तो असफलता के डर को पीछे छोड़ने से मुझे काफी फायदा हुआ। इसके बाद मेरी रनों की भूख काफी बढ़ी है। मयंक ने अपनी पारी के दौरान तीन शानदार साझेदारियां की। उन्होंने पुजारा के साथ दूसरे विकेट लिए 91 रन, रहाणे से साथ चौथे विकेट के लिए 190 रन और जडेजा के साथ पांचवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की।
मयंक से जब साझेदारियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश एक बार में एक गेंद पर ध्यान लगाने के साथ लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहने की थी। अजिंक्य रहाणे सीनियर खिलाड़ी हैं और उन्हें टेस्ट क्रिकेट का काफी अनुभव है। उन्होंने पूरे समय मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे गाइड करते रहे। उन्होंने कहा कि हमारी योजना छोटी साझेदारी करने और समय लेकर सावधानीपूर्वक उसे बड़ी साझेदारी में बदलने की थी। मैं सावधान था और गेंद को ठीक से देखकर खेल रहा था।
अपना दोहरा शतक इस मैच में मयंक ने छक्का लगाकर पूरा किया और कहा कि इस पिच से अच्छा उछाल मिल रहा था और जो गेंद मेरी पहुंच तक आ रही थी मैं उसपर रन बना रहा था। रन बनाने के लिए मैं सही गेंदों का चयन करने में पूरी तरह से सफल रहा। आपको बता दें कि मयंक ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अपना दोहरा शतक लगाया और नया रिकॉर्ड बना दिया।