'शतक जमाने के बाद भी धौनी ने टीम से क्यों निकाला था, आज तक पूछने की हिम्मत नहीं हुई'
साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद शतक बनाने के बाद भी मनोज तिवारी को अगले मैच में नहीं खिलाया गया था। ऐसा क्यों किया गया यह पूछने कि वो आज तक हिम्मत नहीं जुटा पाए।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में खेल चुके बल्लेबाज मनोज तिवारी को टीम से निकाले जाने का आज भी दुख है। उन्होंने कहा कि साल 2011 में शतकीय पारी खेले के बाद भी धौनी ने उनको अगले मुकाबले में टीम से बाहर रखा था। यह मुश्किल था और उनको दुख हुआ लेकिन फिर भी आज तक वो ऐसा करने की वजह धौनी से पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा, "मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि अपने देश के लिए शतक बनाउंगा, मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीतूंगा और मुझे अगले 14 मैचों में प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी जाएगी। मैं इस बात का सम्मान करता हूं कि कप्तान, कोच या टीम मैनेजमेंट का विचार कुछ और ही रहा होगा। क्योंकि एक खिलाड़ी के तौर पर वो लोग जो भी सोचते हैं उसका सम्मान करना चाहिए जो कुछ भी उस सोचा होगा, शायद उन्होंने कुछ और ही सोचा होगा।"
शतकीय पारी खेलने के 8 महीने बाद साल 2012 में श्रीलंका के खिलाफ मौका मिला था। सीरीज के चौथे वनडे में उन्होंने 21 रन की पारी खेली थी। इसके बाद उन्हें अगले दो साल टीम में जगह नहीं मिली थी। साल 2015 में उन्होंने अंतिम भारत की तरफ से कोई मैच खेला था।
"मैंने यह सोचा जरूर है कि भविष्य में सवाल करूंगा, मुझे कभी यह मौका नहीं मिला या फिर बोल सकते हैं उस समय हिम्मत नहीं जुटा पाया कि माही भाई जो हमारे कप्तान थे, उनके पास जाकर यह पूछ सकूं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हम अपने सीनियर का बहुत ज्यादा सम्मान करते हैं और इसी वजह से सवाल करने से रुक जाते हैं। इसी वजह से आजतक मैंने उनके यह सवाल नहीं किया।"
IPL में धौनी के साथ खेल चुके हैं मनोज
इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी टीम राइजिंग पुणे सुपर जाइंट्स में मनोज तिवारी धौनी के साथ खेल चुके हैं।