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अपने बल्ले को गर्लफ्रेंड मानता है ये भारतीय खिलाड़ी, आउट होने पर ऐसे करते हैं बात

भारतीय टीम के मध्य क्रम के बल्लेबाज मनीष पांडे अपने बल्ले को अपनी गर्लफ्रेंड की तरह मानते हैं और आउट होने पर उससे बात भी करते हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 02:34 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 02:34 PM (IST)
अपने बल्ले को गर्लफ्रेंड मानता है ये भारतीय खिलाड़ी, आउट होने पर ऐसे करते हैं बात
अपने बल्ले को गर्लफ्रेंड मानता है ये भारतीय खिलाड़ी, आउट होने पर ऐसे करते हैं बात

नई दिल्ली, जेएनएन। क्रिकेटरों की सबसे बड़ी माशूका यानी गर्लफ्रेंड होती है क्रिकेट, लेकिन भारतीय टीम के एक बल्लेबाज को लगता है कि उनका बल्ला ही उनकी गर्लफ्रेंड हो। जी हां, भारतीय टीम के बल्लेबाज मनीष पांडे का मानना है कि उनका बल्ला उनके लिए गर्लफ्रेंड की तरह है, क्योंकि जब गर्लफ्रेंड साथ नहीं होती है तो सिर्फ बल्ला ही साथ होता है, जिससे से कभी-कभीर बात भी करते हैं।

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भारतीय टीम के मध्य क्रम के बल्लेबाज मनीष पांडे से जब क्रिकबज के एक खास शो में पूछा गया कि क्या कभी आप अपने बल्ले से बात करते हैं? इसके जवाब में मनीष पांडे ने कहा, "हां, कभी कभार बल्ले से बात करता हूं। ये कुछ लगभग उस तरह की बातें हैं जो हम अपनी गर्लफ्रेंड से करते हैं। जब आप मैच खेल रहे होते हैं तो गर्लफ्रेंड आपके आस-पास नहीं होती है। ऐसे में एक बल्ला ही आपके पास होता है।" मनीष पांडे अपने साथ 5 गर्लफ्रेंड्स यानी 5 बल्ले रखते हैं।

वहीं, मनीष पांडे से ये पूछा गया कि जब बल्ले से किनारा लगकर गेंद कैच के लिए चली जाती है और आप आउट हो जाते हैं तो फिर बल्ले को क्या कहते हैं कि तुम बदल गए हो तुम पहले ऐसे न थे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "हां, कभी-कभी कहता हूं, लेकिन बल्ला भी वापस से कहता है कि आप भी थोड़ा बदल गए हो। ये काफी महत्वपूर्ण है।" तो क्या मनीष पांडे ने अपने बैट्स को गर्लफ्रेंड की तरह बेबी, स्वीटी या अन्य कोई निकनेम दिया है तो इसका जवाब ना है, क्योंकि मनीष पांडे कहते हैं कि वे अपने बल्लों का नंबरिंग(1,2,3,4...) करते हैं। इसलिए उनको नाम नहीं देते।

मनीष पांडे ये भी मानते हैं कि वे हर एक क्रिकेटर की तरह अंधविश्वासी हैं। मनीष पांडे कहते हैं, "हर क्रिकेटर की तरह मेरा भी यही विचार है कि जिस बल्ले से मैं अच्छा स्कोर बनाऊं, उससे अगले कुछ मैचों में खेलूं। अगर मैच के दौरान कोई बल्ला टूट जाता है तो बड़ा दुख होता है, क्योंकि आप उस बल्ले को मैच के लिए तैयार करते हो, लेकिन वो दुर्भाग्य से टूट जाता है, तो बड़ा दुख होता है।"


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